उत्तर दिशा में भूलकर भी न रखें इन चीजों को, नकारात्मक शक्तियों का होगा प्रवेश
वर्तमान में हर व्यक्ति अपने घर को वास्तुशास्त्र के दिशा निर्देशों में बनाता है। यदि इसमें कोई भी कमी रह जाती है तो घर की ऊर्जा नष्ट हो जाती है साथ ही घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। वास्तु एक ऐसा विज्ञान है, जो सदियों से भारत में माना जा रहा है। यह हमारे जीवन के शारीरिक और तत्व विज्ञान दोनों ही पहलू को नजरिए में रखता है। हिन्दू धर्म में आर्किटेचर साइंस को वास्तु शास्त्र भी कहा जाता है।
वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों का कहना है कि यह विज्ञान आपके घर और अन्य सम्पत्तियों में किस तरह से आध्यात्मिक, भौतिक और ऊर्जावान कॉम्पोनेंट्स को एकाग्र करके रखना है, उसके बारे में बताता है। वास्तु में घर को इस तरह से बनाने की एक कला है, जिससे आपका जीवन हर तरह से अच्छा बन सकता है। इसलिए वास्तु के अनुसार घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर रखने के लिए कुछ चीजों की दिशाओं का विशेष ख्याल रखना होता है।
भूलकर भी उत्तर दिशा में न रखें इन वस्तुओं को
- कभी भी कचरा पात्र को उत्तरी दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह घर में नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित करता है और घर को अस्वस्थ भी बनता है।
- घर की खिड़कियाँ भी कभी उत्तरी दिशा में नहीं होनी चाहिए।
- घर का टॉयलेट भी कभी उत्तरी दिशा में नहीं होना चाहिए। यह आपके घर में असहजता पैदा कर सकता है। अगर उत्तर दिशा में टॉयलेट बना हुआ है तो ऐसे में आप उसे यूज करना बंद करें या फिर उसे शिफ्ट करें।
- घर की भारी चीजें जैसे किताबें कभी उत्तरी दिशा में नहीं रखनी चाहिए। इसका वजन धरती से निकलने वाली एनर्जी को ब्लॉक करता है, जो आपके घर को अस्वस्थ बनता है और आपकी सम्पत्ति पर भी हानि होती है। वजन वाली चीजों को रखने के लिए दक्षिण और पश्चिम की दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है।
- फर्नीचर के लिए भी यही चीज लागू होती है। किसी भी भरी चीज को उत्तरी दिशा में ना रखें वरना यह धरती से निकलने वाली एनर्जी को ब्लॉक करेगा।
- घर में कभी भी किसी पंख को उत्तरी दिशा में ना रखें। उत्तरी दिशा में रखा पंख कुछ समय बाद खराब हो जाएगा और आपके घर में नकारात्मक एनर्जी आने लगेगी।