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कहीं आपके दिमाग को न जमा दे आइसक्रीम, खाने से पहले जरुर पढ़े ये खबर

आइसक्रीम किसे पसंद नहीं. लोग तो हर मौसम में इसका स्वाद लेना पसंद करते हैं, लेकिन यह आइसक्रीम कई लोगों के लिए खतरनाक भी साबित हो सकती है. आइसक्रीम का एक चम्मच ब्रेन को फ्रीज कर सकता है, विशेष रूप से तब जब इसे बिना रुके खा रहे हों. मस्तिष्क का अचानक से ठंडे तापमान के संपर्क में आना ब्रेन फ्रीज का कारण बनता है. इससे अचानक माथे पर तीखा दर्द महसूस होता है. यह दर्द सामान्य सिरदर्द से कुछ ज्यादा गंभीर हो जाता है.

यह समस्या केवल आइसक्रीम ही नहीं, कोल्ड ड्रिंक या अन्य ठंडे पदार्थ के अचानक सेवन से भी हो सकती है. ऐसे ठंडे पदार्थों का सेवन करने से कैरोटिड आर्टरी (मुख्य रक्त वाहिकाएं जो मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती हैं) तेजी से गले के पीछे के तापमान में परिवर्तन कर लेती है. इससे मस्तिष्क ब्लड सर्कुलेशन को अचानक बंद कर देता है और तेज दर्द उठता है.

एकदम किसी बदलाव के लिए मस्तिष्क तैयार नहीं होता है. ऐसे में बहुत ज्यादा ठंडे पदार्थ के सेवन से मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है. इसी स्थिति को ब्रेन फ्रीज होना कहता हैं. से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्त शुक्ला का कहना है कि बर्फ और आइसक्रीम खाने के बाद ब्रेन फ्रीज महसूस करते हैं तो बर्फ के ठंडे पानी को पीने से भी इस तरह की समस्या हो सकती है. ठंडा पानी रीढ़ की हड्डी की कई संवेदनशील नसों को ठंडक प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप यह नसें तुरंत मस्तिष्क को संदेश भेजती हैं. इसके कारण सिरदर्द होने लगता है.

कोई भी ठंडी चीज खाने या पीने पर यह पहले मुंह या गले के पिछले हिस्से पर जाकर टकराती है. यह क्षेत्र तापमान के प्रति काफी संवेदनशील होता है. एकदम ठंडा पदार्थ टकराने से रक्त वाहिकाओं और नसों को उत्तेजित करता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से यह रक्त आंखों के पीछे और मस्तिष्क के बीच स्थित रक्त वाहिकाओं से होकर निकलता है, जिससे ब्रेन फ्रीज हो जाता है. सिर में ब्लड सर्कुलेशन रुकता है तो तेज दर्द का पता चलता है.

ब्रेन फ्रीज का दर्द कुछ समय के लिए होता है, इसलिए उसके विशेष रूप से इलाज की जरूरत नहीं है. साथ ही इससे आसानी से बचा भी जा सकता है. बेहतर होगा कि बर्फ या किसी भी ठंडे खाद्य पदार्थ और पेय का सेवन धीरे-धीरे करें. इस बात का भी ख्याल रखें कि ठंडे पदार्थों का सेवन करते समय उसे अपने ऊपरी तालू से दूर रखना है.

ब्रेन फ्रीज से बचने के लिए मुंह का तापमान सही रखने में जीभ की मदद ले सकते हैं. ठंडा खाते समय जीभ से उसे पिघलाकर खाया करें. ऐसा करने पर उन चीजों का तापमान जीभ में चला जाता है. मस्तिष्क पर उसका प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि तब तक तापमान कुछ सामान्य हो चुका होता है. सर्द-गर्म का भी ध्यान रखें. गर्म चीज खाई है तो एकदम से ठंडी चीजें नहीं खाएं, क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ेगा.

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