नई दिल्ली : डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो इंसान के खून में ग्लूकोज की तय सीमा से अधिक हो जाने पर होती है. इंसुलिन, अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है, जो भोजन से ग्लूकोज को अलग कर कोशिकाओं (cells) में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है. कभी-कभी शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है. तब ग्लूकोज रक्त में ही रह जाता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता और रक्त में ग्लूकोज बढ़ जाता है.
डायबिटिज के कारण दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी समस्या, आंखों की समस्या आदि हो सकती है. हाल ही में मेडिकल वेबसाइट Diabetes.co.uk ने जानकारी दी है कि जिन लोगों को डायबिटीज है उन लोगों में यूरिन से संबंधित एक लक्षण देखा जाता है. अगर किसी को वह लक्षण नजर आता है तो तुरंत एक्सपर्ट से मिलना चाहिए.
मेडिकल के मुताबिक, जिन लोगों को अधिक यूरिन आती है या जो बार-बार यूरिन करने जाते हैं उन लोगों को टाइप 1 और 2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है. जो लोग बार-बार पेशाब करने जाते हैं या जिन लोगों को एक दिन में तीन लीटर से अधिक यूरिन आती है, उन लोगों को डायबिटीज का खतरा हो सकता है.
अधिक और बार-बार यूरिन (urine) जाना निर्जलीकरण का कारण बन सकता है, जिसे अगर बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो वह किडनी के काम को प्रभावित कर सकता है. डायबिटीज में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है इसलिए किडनी (kidney) पूरी चीनी को पुन: अवशोषित नहीं कर सकते हैं और खून में से अतिरिक्त ग्लूकोज यूरिन में चला जाता है और वहां अधिक पानी खींचता है. इसका मतलब है कि शरीर बड़ी मात्रा में यूरिन का प्रोडक्शन करने लगता है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ग्लूकोज लेवल अगर बहुत अधिक है तो शरीर इसे किडनी के माध्यम से खून से अलग करने की कोशिश करता है और अधिक पानी फिल्टर होता है. लोगों को सलाह दी जाती है कि अगर उन्हें बिना किसी कारण के कई दिनों तक अत्यधिक यूरिन आती है तो डॉक्टर से मिलें. डायबिटीज यूके के अनुसार, डायबिटीज के अन्य लक्षणों में प्यास लगना, थकान महसूस होना और वजन कम होना भी है.
शोधकर्ताओं ने हाल ही में सात अध्ययनों के निष्कर्षों की जांच की जिसमें इंसुलिन और ब्लड शुगर के स्तर सहित दिल के स्वास्थ्य पर बैठने बनाम खड़े होने या चलने के प्रभावों की तुलना की गई और उसे जर्नल स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया.
अध्ययन में पाया गया कि खाने के बाद दो से पांच मिनट तक हल्का टहलना ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक कंट्रोल करता है. अध्ययन में शामिल लोगों को दो समूहों में बांट दिया गया- एक खाने के बाद बैठने वाला समूह और दूसरा खाने के बाद टहलने वाला समूह. खाने के बाद दो से पांच मिनट तक टहलने वाले समूह के ब्लड शुगर में गिरावट देखी गई जबकि खाने के बाद बैठने वाले समूह का ब्लड शुगर बढ़ा हुआ मिला.
साथ ही शोध में यह भी देखा गया कि जो प्रतिभागी हर आधे घंटे के अंतराल पर दो से पांच मिनट टहल रहे हैं, उनके ब्लड शुगर में काफी गिरावट आई है. शोधकर्ताओं ने पाया कि बैठने या खड़े होने की तुलना में, खाने के बाद चलने से ब्लड शुगर में गिरावट हो रही है.