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भगवान की पूजा में भूलकर भी न करें इन बर्तनों का इस्तेमाल, वरना होगा उल्टा असर

नई दिल्ली : भगवान की पूजा में कई प्रकार के धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. घर हो या मंदिर दोनों जगहों पर पूजा के लिए उन्हीं चीजों का इस्तेमाल किया जाता है कि जो शुभ हो. कई लोग इस बात को नहीं जानते हैं कि पूजा में किस प्रकार की धातुओं बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ होता है. पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले धातु का खास ध्यान रखा जाता है. जानते हैं कि पूजा में किस धातु के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ है.

तांबे के बर्तनों में भोग लगाने से भगवान इसे स्वीकार करते हैं. साथ इससे भगवान सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं. यही कारण है कि पूजा में तांबें के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा ताबें के पात्र से सूर्य देव को भी जल चढ़ाना शुभ होता है. पूजा-पाठ में लोहे के बर्तनों इस्तेमाल से बचना चाहिए. लोहे के बर्तन जंग लगने के कारण खराब हो जाते हैं. धर्म शास्त्र के मुताबिक पूजा-पाठ के बर्तन शुद्ध होना अच्छा होता है.

शास्त्रों में चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल दूध से अभिषेक के लिए निषेध है. इसके अलावा मान्यता है कि चांदी की बर्तन पितरों को प्रिय है. ऐसे में देवताओं के काम में इसका इस्तेमाल करना अशुभ है.

शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव की पूजा में तांबे के बर्तनों के स्थान पर लोहे के बर्तन का ही इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं पूजा के दौरान लोहा, स्टील और एल्युमीनियम की धातु के वर्तनों का इस्तेमाल निषेध है.

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