आज की आधुनिक युग में कम्प्यूटर का ज्यादा काम करना होता है। जिससे आंखों पर बहुत बुरा असर डाल रहा है। बहुत देर तक कम्प्यूटर पर काम करना बहुत ही हानिकारक है। सबसे बड़ी समस्या होती है ड्राय आई यानी आंखों में सूखापन। भारत में यह समस्या महामारी का रूप ले चुकी है।
मेडिकल जर्नल द ऑक्युलर सरफेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 1.45 मिलियन मरीजों पर किया गया अध्ययन बताता है कि 2030 तक भारत में इसके मरीजों की संख्या 275 मिलियन हो जाएगी। शहरों के साथ ग्रामीण आबादी भी इसकी चपेट में आ रही है जहां हर साल 17 मिलियन नए मरीज सामने आते हैं।
जानिए क्या होता है ड्राय आई
ड्राय आई या आंखों का सूखापन एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखें पर्याप्त मात्रा में आंसू या आवश्यक गुणवत्ता के आंसू नहीं बना पाती हैं। इसका असर न केवल रोगी की आंखों की रोशनी बल्कि रोजमर्रा के अन्य कामों पर भी पड़ता है। चिंता बनी रहती है, मरीज अवसाद में चला जाता है। रोजी-रोटी के लिए किए जा रहे उसके काम पर असर पड़ता है। डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी परेशानी वाले लोगों में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
महिलाओं और पुरुषों पर इसका होता है अलग-अलग असर
द ऑक्युलर सरफेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ड्राय आई की बीमारी महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग प्रभावित करती है। जैसे पुरुषों में 20 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच इसका खतरा ज्यादा रहता है। वहीं महिलाओं में 40 से 60 वर्ष के बीच इसका असर अधिक नजर आता है।
दिनभर के कामकाज के दौरान रखें इन बातों ध्यान
बार-बार आंख झपकाते रहें यदि आप एसी लगे हुए कमरे में कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम कर रहे हैं तो यह बहुत जरूरी है कि समय-समय पर आंखे झपकाते रहें। यूं तो हमारी पलकेें बीच-बीच में बंद होती रहती हैं, लेकिन इन हालात में बीच-बीच में कुछ सेकंड के लिए आंखों को आराम देना जरूरी है। एसी कमरे में वाष्पीकरण की दर अधिक होती है और इससे आंसू में कमी होती है जो सूखी आंख की स्थिति को बढ़ाती है। पलक झपकने का समय बनाएं। ऑफिस में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। कम्प्यूटर की स्क्रीन बहुत तेज न हो।
टियर ड्रॉप: आंख को लुब्रिकेटेड रखने के लिए टियर ड्रॉप यानी आंसू की बूंदों का उपयोग करें लेकिन ऐसा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
धूम्रपान से बचें: धूम्रपान न करें क्योंकि यह सूखी आंख की स्थिति को बदतर बनाता है।
अच्छा भोजन करें: हरी पत्तेदार सब्जियां अच्छी आंखों की सेहत के लिए जरूरी हैं।
आंखों में क्यों आता है सूखापन
हमने देखा है कि जब हम जम्हाई लेते हैं या भावुक होते हैं, तब आंख से आंसू निकलते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आंखें हर समय आंसू पैदा करती है। स्वस्थ आंखों पर हमेशा एक तरल पदार्थ ढंका होता है, जिसे टियर फिल्म के रूप में जाना जाता है। यह आंखों को सूखने से रोकता है और इसी के कारण हम साफ देख पाते हैं। जब आंसू ग्रंथियां कम आंसू पैदा करती हैं, तो टियर फिल्म अस्थिर हो सकती है।
इसके कारण आंखों की सतह पर सूखे धब्बे बन जाते हैं। आंसू की हर बूंद में पानी, वसायुक्त तेल, प्रोटीन, इलेक्ट्रोलाइट्स, बैक्टीरिया से लड़ने वाले पदार्थ होते हैं। यह मिश्रण आंखों की सतह को चिकना और साफ रखने में मदद करता है, ताकि हम ठीक से देख सकें। इस मिश्रण में कोई चीज कम या ज्यादा होती है तो आंसू जल्दी सूख जाते हैं। इस कारण ड्राय आई की समस्या आती है। कभी-कभी शरीर पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बना पाता है।
यह समस्या विटामिन ए की कमी और डायबिटीज पीड़ितों में अधिक होती है। लोगों को आंखों का ध्यान खासकर रखना होगा नही तो बहुत दिक्कतेें होगी जिससे छुटकारा नही पाया जा सकेगा।