धनुरासन को नियमित करने से थायराइड की समस्या में बहुत लाभ मिलता है। इस आसन को करने से पेट पर जोर पड़ता है जिससे कि पाचनतंत्र बेहतर होता है। पाचनतंत्र ठीक होने के साथ ही अपच, अजीर्ण और पेट के विकार भी दूर होते हैं। पेट का मोटापा कम करने के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है। जिन लोगों को ज्यादा भूख लगती है या भूख ही नहीं लगती है, उन्हें भी इस आसन के अभ्यास से फायदा पहुंचता है। महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है। इसको करके रीढ़ की हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है।
धनुरासन करने का तरीका-
धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ते हुए कमर के पास ले आएं और अपने हाथ से दोनों टखनों को पकड़ें। अब अपने सिर, छाती और जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। अपने शरीर के भार को पेट के निचले हिस्से पर लेने का प्रयास करें। पैरों को पकड़कर आगे की ओर शरीर को खींचने की कोशिश करें। अपनी क्षमतानुसार लगभग 15-20 सेकेंड तक इस आसन को करें।
ये लोग धनुरासन न करें-
जिन लोगों को कमर में दर्द है, पेट में दर्द और छाले हो, माइग्रेन अथवा सिरदर्द होने पर , उच्च और निम्न रक्तचाप की समस्या में इस आसन को करने से परहेज करें। गर्भवती महिलाएं भी इस आसन का अभ्यास न करें।