कार्तिक पूर्णिमा के दिन कर ले ये आसान उपाय, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा
नई दिल्ली : कार्तिक माह (Kartik month) सभी महीनों में उत्तम फलदायी माना गया है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima ) का व्रत 8 नवंबर 2022 को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी (holy river) में स्नान-दान करने से पूरे माह की पूजा-पाठ करने के समान फल मिलता है. यह माह भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है. मान्यता है कि इसी मास में श्रीहरि ने मत्स्य अवतार (fish avatar) धारण किया था. यह दिन गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्य करने से मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) अति प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती.
कार्तिक माह में भगवान विष्णु का जल में वास होता है. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन के तमाम पाप कर्म धुल जाते हैं. श्रीहरि विष्णु की कृपा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. दैहिक, दैविक और भौतिक ताप दूर होती है.
पूर्णिमा तिथि श्रीहरि (full moon date shrihari) को समर्पित है लेकिन कार्तिक की पूर्णिमा पर सुबह विष्णु के मत्स्य रूप को तुलसी दल चढ़ाएं और सत्यनारायण की कथा सुने, भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) के त्रिपुरारी स्वरूप का पंचामृत से अभिषेक, देवी लक्ष्मी को खीर का भोग और मां तुलसी के निमित्त घी का दीपक लगाकर पूजन करना चाहिए.
कार्तिक पूर्णिमा पर चांद निकलने के बाद कार्तिक स्वामी की छह माताएं प्रीति, संतति, क्षमा, अनसूया, शिवा, सम्भूति, इन छह तपस्विनी कृतिकाओं की पूजा करनी चाहिए. कहते हैं इस दिन इनकी पूजा से धन, ऐश्वर्य, बल, धैर्य, अन्न में वृद्धि होती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर प्रदोषकाल में नदी या तालाब में दीपदान का विशेष महत्व है. शाम के समय इस मंत्र का जाप करते हुए दीप प्रज्वलित कर नदी-तालाब में प्रवाहित करें – ‘कीटाः पतंगा मशकाश्च वृक्षे जले स्थले ये विचरन्ति जीवाः, दृष्ट्वा प्रदीपं नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवति तत्र’. मान्यता है इस विधि से दीपदान करने पर अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है और घर में समृद्धि आती है. पूर्णिमा के दिन अन्न, गर्म कपड़े, जूते-चप्पल दान करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.कर्ज से छुटकारा मिलता है. धन लाभ के योग बनते हैं.