आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि उनको नींद में बोलने की आदत है या आपने अपने घर में ही किसी को नींद में बोलते हुए जरूर सुना होगा। नींद में बोलने की समस्या आजकल आम हो गई है। लोग अक्सर इस परेशानी को हल्के में ले लेते हैं और बाद में पछताते हैं जब यह समस्या भयानक रूप ले लेती है।
डॉक्टर्स के अनुसार अगर इस समस्या को अनदेखा कर दिया जाए तब यह स्लीपिंग डिसऑर्डर की परेशानी बन सकती है। अगर आपको यह आपके प्रिय लोगों को यह समस्या है तो इस लेख को जरूर पढ़िए और इससे राहत पाने का रास्ता जानिए। यहां जानिए क्यों होती है यह समस्या, क्या हैं इसके लक्षण और कैसे करें इसका इलाज।
क्यों नींद में बड़बड़ाने लगते हैं लोग?
डॉक्टर्स के मुताबिक, यह समस्या उन लोगों को होती है जो स्लीपिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त होते हैं। यह लोग नींद में खुद से बातें करने लगते हैं और वह हमें अस्पष्ट सुनाई देता है। कहा जाता है कि यह समस्या छोटे बच्चों और बूढ़ों में ज्यादा होती है। इस परेशानी को पैरासोमनिया का नाम भी दिया जाता है।
क्या हैं इसके लक्षण?
बदलता लाइफस्टाइल
गलत खान-पान
तनाव
अत्यधिक काम का बोझ
शारीरिक थकावट
सोने का अनिश्चित समय
कैसे करें इसका इलाज?
नींद में बोलने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले आप तनाव मुक्त रहना शुरू कर दीजिए और अपने सोने का समय निश्चित कर लीजिए। याद रहे आप हमेशा पीठ के बल सोएं और सही खान-पान पर ध्यान दें। इस परेशानी से राहत पाने के लिए एक्सरसाइज अवश्य करें और अपना दिमाग शांत रखें। इन आसान तरीकों से आप नींद में बोलने की समस्या से राहत पा सकते हैं।