दस्तक टाइम्स, देहरादून। अगर आप ऑफिस में काम के चलते अधिक तनाव में रहते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि ऐसे में आप मेटाबोलिक सिन्ड्रोम नामक गंभीर रोग का शिकार हो सकते हैं। जी हां, आईसीएमआर द्वारा किए गए एक सर्वे में ऐसी ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सर्वे के अनुसार, हर दूसरे कर्मचारी में कई बुरे लक्षण पाए गए हैं, जो भविष्य में मेटाबोलिक सिन्ड्रोम रोग को जन्म दे सकते हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की ओर से आईटी कंपनियों के कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर एक अध्ययन किया है। जिसमें करीब 40 फीसद से ज्यादा कर्मचारियों में अत्यधिक वजन व मोटापा पाया गया है। सर्वे में पाया गया है कि कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक दबाव होने के कारण वे तनाव महसूस करते हैं। काम के दौरान आराम भी नहीं लेते हैं। इससे मानसिक रूप से अस्वस्थता का खतरा भी पैदा होता है। वहीं, खान-पान उचित न होने के कारण भी कई तरह के रोग जन्म लेते हैं। ये सभी लक्षण भविष्य में मेटाबोलिक सिन्ड्रोम को जन्म देते हैं।
क्या है मेटाबोलिक सिन्ड्रोम ?
मेटाबोलिक सिन्ड्रोम खतरनाक रोग है। व्यक्ति में 30 से 35 वर्ष की आयु में कोलेस्ट्रोल बढ़ना, शुगर, हाई ब्लड प्रेशर व वजन बढ़ने जैसे रोग होते हैं तो यह 60 वर्ष की उम्र तक मेटाबोलिक सिन्ड्रोम का रूप ले सकते हैं। मेटाबोलिक सिन्ड्रोम रोग दिल से जुड़े रोग जैसे स्ट्रोक का कारण बनता है। इसके अलावा कैंसर की भी संभावना अधिक रहती है।
आईसीएमआर ने दिए कई महत्वपूर्ण सुझाव
सर्वे के आधार पर आईसीएमआर ने कहा है कि कर्मचारियों का खान-पान उचित न होने के कारण ये लक्षण पैदा होते हैं। लोगों को ताजा व पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। फास्ट-फूड व नकली खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा हमारे चारों ओर के वातावरण का भी मानसिक स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। तनावमुक्त रहकर हम कई रोगों से मुक्त हो सकते हैं।