नई दिल्ली: सर्दी के मौसम(Winter season) में हाथ, पैर और नाक जैसे खुले क्षेत्रों में सर्दी लगना आम बात है. कई बार मोजे और दस्ताने पहनने के बाद भी हाथ-पैर ठंडे रहते हैं। इसके पीछे व्यक्ति के शरीर(Human Body), रोग प्रतिरोधक क्षमता(immunity), खान-पान(food and drink) आदि पर निर्भर करता है। अगर सर्दी के दिनों में बहुत सारे गर्म कपड़े पहनने के बाद भी आपके पैर लगातार ठंडे रहते हैं, तो इसे नज़रअंदाज न करें। क्योंकि यह कई बीमारियों का संकेत हो सकता है।
डायबिटीज: मधुमेह के कुछ लक्षणों के बारे में सभी जानते हैं। उदाहरण के लिए बार-बार पेशाब आना, घाव का ठीक न होना, बार-बार चश्मे का नंबर बदलना आदि। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि पैरों का लगातार ठंडा होना भी डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म: जब शरीर पर्याप्त हार्मोन बनाने में असमर्थ होता है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। यह रोग शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है और उनमें से एक यह है कि सर्दियों में पैर हमेशा ठंडे रहते हैं। अगर ऐसा होता है, तो बेहतर होगा कि आप अपना टेस्ट करा लें।
Raynaud’s Phenomenon: यह एक तरह का सिंड्रोम है। इसमें हाथ पैर की उंगलियों का रंग नीला या पीला हो जाता है। बाद में गंभीरता बढ़ने पर यह लाल हो जाता है। इसके साथ ही तापमान में थोड़ी सी भी कमी होने पर हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं।
तनाव: तनाव न केवल हमारे दिमाग को प्रभावित करता है, बल्कि यह अपने साथ कई बीमारियां भी लाता है। इसमें रक्त परिसंचरण पर नकारात्मक प्रभाव भी शामिल है। जो लोग बहुत अधिक तनाव लेते हैं, उनके हाथ-पैर की उंगलियां कभी-कभी ठंडी होने लगती हैं।
हाई कोलेस्ट्रोल: उच्च कोलेस्ट्रॉल न केवल स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बनता है, इसके अलावा, यह शरीर में रक्त परिसंचरण पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। इससे व्यक्ति के हाथ-पैर अक्सर ठंडे रहते हैं। ऐसी समस्या होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।