उत्तर प्रदेश

यूपी में डॉक्टरों को मिली कामयाबी, दो बच्चों की आंत काटकर बनाई पित्ताशय की नली

वाराणसी: वाराणसी में लाइव ऑपरेटिव वर्कशाप में मंगलवार को दो माह के दो शिशुओं की छोटी आंत और लिवर को जोड़ा गया। बीएचयू के बाल शल्य विभाग में मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. राजीव रेडकर के ऑपरेशन को देशभर के 50 मेडिकल कॉलेजों के भावी डॉक्टरों ने भी देखा।

बाल शल्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वैभव पांडेय ने बताया कि कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनका जन्मजात पित की नली नहीं बनती है। ऐसा बच्चा कुछ भी पचा नहीं पाता है। वह जब बड़ा होता है तो उसे लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ जाती है। ऐसे बच्चों की छोटी आंत को करीब 40 सेमी काटकर उसे लिवर से जोड़ दियाजाता है।

बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है आंत की साइज सामान्य हो जाती है। चिकित्सकों ने बताया कि खाना अमाशय से सीधे छोटी आंत में पहुंचता है। छोटी आंत में पित्त की नली खुलती है। इसके बाद भोजन बड़ी आंत में आकर पचता है। पित्त की नली नहीं होने से यह क्रिया नहीं हो पाती है। अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने कहा कि अस्पताल में जटिल से जटिल सर्जरी की जा रही है।

पद्मश्री डॉ सरोज चूड़ामणि गोपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन से भावी डॉक्टरों को सीखने को मिलेगगा। डॉ अजय गंगोपाध्याय ने बताया कि आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाएंगे। चिकित्सिकों ने बताया कि यह सर्जरी देश में बहुत कम होती है। बीएचयू में प्रतिवर्ष करीब 20 से अधिक बच्चे ऐसे आते हैं जिनमें जन्मजात पित्त की नली नहीं होती है। इस सर्जरी से पूर्वांचल समेत आसपास के प्रदेशों में ऐसे बच्चों का इलाज हो सकेगा।

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