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Doctors Strike: देशभर में हाहाकार, AIIMS में हेलमेट पहनकर काम कर रहे डॉक्टर

पश्चिम बंगाल से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अब देशभर के डॉक्टरों का समर्थन मिल रहा है। बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गु्स्सा है। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए राजधानी में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है। इसका सबसे ज्यादा असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों पर देखने को मिल रहा है। यहां OPD में नए मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। वहीं महाराष्ट्र में भी डॉक्टरों ने काम करने से साफ इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे। खबरों के मुताबिक, दिल्ली और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, केरल, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में भी डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है।

– ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध के रूप में हेलमेट पहनकर काम कर रहे हैं।

– उत्तर बंगाल के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल दार्जिलिंग के दो डॉक्टरों ने राज्य में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर इस्तीफा दे दिया।

– केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के साथ AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य बैठक कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पश्चिम बंगाल के सीएम से अपील करता हूं कि वह इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं। उन्होंने डॉक्टरों को एक अल्टीमेटम दिया, जिसके परिणामस्वरूप वे नाराज हो गए और हड़ताल पर चले गए। आज मैं ममता बनर्जी जी को पत्र लिखूंगा और उनसे इस मुद्दे पर बात करने की भी कोशिश करूंगा।

-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने देश में डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल पर कहा कि मैं देशभर के डॉक्टरों से कहना चाहता हूं कि सरकार उन सभी की सुरक्षा के लिए बाध्य है। उन्होंने आगे कहा कि मैं डॉक्टरों से अनुरोध करुंगा कि वह प्रतीकात्मक विरोध ही करे और अपना काम जारी रखें।

– जयपुर स्थित जयपुरिया अस्पताल के डॉक्टर मरीजों का इलाज तो कर रहे है। लेकिन, वह काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। वहीं, केरल में भी भारतीय चिकित्सा संघ त्रिवेंद्रम के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा का विरोध किया।

– रायपुर के डॉ भीमराव अंबेडकर मेमोरियल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर विरोध जताते हुए ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए।

– नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में ‘सेव द सेवियर’ और ‘स्टैंड विद एनआरएसएमसीएच’ पोस्टर्स के साथ डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा का विरोध किया।

-दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में ओपीडी के बाहर मरीज और उनके परिजनों की भीड़ इकट्ठा हो गई है।

– रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा सफदरजंग अस्पताल में बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा का विरोध किया जा रहा है।

आइएम से जुड़े एक डॉक्टर ने मीडिया को बताया कि आज एम्स, सफदरजंग के अलावा निजी क्लिनिक-नर्सिंग होम भी बंद रहेंगे। एम्स (AIIMS) में नए मरीजों का इलाज नहीं होगा, जबकि सफदरजंग में केवल इमर्जेंसी चलेगी। पश्चिम बंगाल में NRS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल द्वारा उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज, सिलीगुड़ी में डॉक्टरों ने प्रोटेस्ट का आयोजन किया।

हैदराबाद में भी निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा पर विरोध मार्च निकाली।

जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों को गुरुवार को दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया। लेकिन, उन लोगों ने उनका निर्देश नहीं माना। उन्होंने साफ कह दिया कि जब तक सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, कोलकाताल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी। बुजुर्ग के परिवार वालों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और डॉक्टरों की पिटाई कर दी। आरोप है की करीब 200 लोग ट्रको में भरकर आए और अस्पताल पर हमला कर दिया। इस हमले में दो जूनियर डॉक्टर बुरी तरह से घायल हो गए।

एनआरएस के प्रधानाचार्य और उपप्रधानाचार्य ने दिया इस्तीफा
इस घटना के बाद से निजी अस्पतालों में भी स्वास्थ्य सेवाएं बंद रहीं। वहीं भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने घटना के खिलाफ और हड़ताली डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए शुक्रवार को अखिल भारतीय विरोध दिवस घोषित कर दिया है। साथ ही एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रधानाचार्य साइबल मुखर्जी और चिकित्सा अधीक्षक और उपप्रधानाचार्य प्रो. सौरभ चटोपाध्याय ने संस्थान के संकट से निपटने में विफल रहने की वजह से इस्तीफा दे दिया है।

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