मध्य प्रदेशराज्य

भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स हड़ताल पर,मांग पूरी न होने पर इमरजेंसी सेवा बंद करने की चेतावनी

भोपाल : मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति को लेकर डॉक्टर्स आर-पार की लड़ाई करने की मूड में है। भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स हड़ताल पर है। उन्होंने चेतावनी दी है कि कैबिनेट में प्रशासनिक अधिकारी का प्रस्ताव आया और पास किया गयाा तो हम इमरजेंसी सेवा भी बंद कर देंगे।

मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि हमारा एक ही मुद्दा है। जब पहले से संभागीय कमिश्नर है। भोपाल में पहले से और कमिश्नर बैठे हुए है। विभाग के प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव बैठे हुए है। फिर डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम को चिकित्सा महाविद्यालय में बैठाने की जरूरत क्या है। उसका हमारा विरोध है। इसके लिए जो कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा रहा है। हमारा मांग है कि उसे कैबिनेट में ना लाए और उसको तुरंत वापस लिया जाए।

अग्रवाल ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर हमारी आज की काम बंद हड़ताल का अनिश्चितकाल के लिए जारी रखेंगे। हमारी सहयोगी संगठन आईएमए, नर्सेस एसोसिएशन, मेडिल ऑफिसर एसोसिएशन, पैरामेडिकल एसोसिएशन जुनियर डॉक्टर एसोसिएशन यह सब शामिल होंगे। इसे सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में लेकर जाएंगे और सरकार के चिकित्सालय में प्रशासक रखने के निर्णय को वापस करा कर रहेंगे।

हड़ताल से मरीजों की परेशान पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी मरीज को परेशानी हो। इसलिए हम इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नहीं कर रहे हैं। इसलिए हम चाहते है कि सरकार हमारी मांगों को सुने। हम काली पट्टी बांध कर काम कर रहे थे, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। आज हड़ताल के बाद भी सरकार हमसे बात नहीं करती है तो आगे इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करेंगे। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यदि नेताओं को लगता है कि एक परीक्षा पास करने के बाद प्रशासनिक अधिकारी ही देश को चला सकते है तो फिर वह भी संसद और विधानसभा को खाली करें। और उनसे शासन कराएं।

अगर आज कैबिनेट में डिप्टी कलेक्टर एसडीएम की 13 चिकित्सा महाविद्यालयों में नियुक्ति का प्रस्ताव पारित होता है तो प्रदेश का समस्त जुड़ा मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के साथ सभी रूटिंग एवं इमरजेंसी कार्य का बहिष्कार कर देगा।

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