डोनाल्ड ट्रंप बोले- पर्ल हार्बर और 9/11 से भी अधिक बुरा है देश में कोरोना वायरस का हमला
वाशिंगटन(एजेंसी): अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि देश पर जानलेवा कोरोना वायरस का हमला पर्ल हार्बर और 9/11 के हमलों से भी अधिक बुरा है। उन्होंने नर्सों के साथ एक बैठक के दौरान व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में पत्रकारों से कहा, ‘हमने अपने देश में अब तक के सबसे बुरे हमले का सामना किया। यह वाकई में सबसे बुरा हमला है। यह पर्ल हार्बर से भी बुरा है। यह विश्व व्यापार केंद्र से भी बहुत बुरा है। पहले कभी इस तरह का कोई हमला नहीं हुआ।’
व्हाइट हाउस में एक अन्य कार्यक्रम में जब पत्रकारों से उनसे कोविड-19 की तुलना पर्ल हार्बर और 11 सितंबर 2001 के हमलों से करने वाली टिप्पणियों के बारे में पूछा, तो ट्रंप ने कहा, ‘मैं इस अदृश्य शत्रु को युद्ध के रूप में देखता हूं। इसे पहले ही रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें पर्ल हार्बर हमले में मरने वाले लोगों से भी अधिक संख्या में लोग मारे गए। इसमें विश्व व्यापार केंद्र पर हुए हमले में मरने वाले लोगों से अधिक लोग मरे। उस हमले में 3,000 लोग मरे थे, दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हमने इस आंकड़ें को पार कर लिया है। हम इसे युद्ध के तौर पर देखते हैं।’
अमेरिका में बुधवार तक कोरोना वायरस से 72,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। सामाजिक दूरी के नियमों और राज्यों एवं कारोबारों के पूरी तरह से बंद होने के कारण तीन करोड़ से अधिक लोगों ने बेरोजगारी भत्तों के लिए आवेदन किया है। इस बीच ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस पर व्हाइट हाउस कार्यबल ने शानदार काम किया। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस कार्यबल अभी बना रहेगा और इसमें नए सदस्य जोड़े जाएंगे। इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि इसे समाप्त किया जाएगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के नेतृत्व में जनवरी में कार्यबल का गठन करने वाले राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम कुछ समय के लिए कार्यबल को बरकरार रख रहे हैं। मैं इस पर विचार कर रहा हूं कि हम कब कार्यबल को समाप्त कर सकते हैं, क्योंकि उम्मीद है कि तब तक इसका काम भी पूरा हो चुका होगा।’ उन्होंने कहा, ‘कार्यबल ने शानदार काम किया है। मेरी कल एक बैठक हुई और हम कार्यबल को अभी बरकरार रख रहे हैं।’ ट्रंप ने कहा कि वह जल्द से जल्द स्कूलों को फिर से खुलते हुए देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगा कि जब तक सब कुछ ठीक नहीं होता, तब तक 60 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों, खासतौर से अगर उन्हें दिल या मधुमेह या कोई अन्य बीमारी है तो उन्हें कुछ समय के लिए स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहिए। संभवत: हर कोई यह बात समझ सकता है।’ उन्होंने नर्सों के ‘साहसिक बलिदानों’ के लिए उनकी प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने खासतौर से ल्यूक एडम्स नर्स का जिक्र किया, जिन्होंने न्यूयॉर्क शहर में स्वेच्छा से काम किया।