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होली खेलते वक्त न भूलें रिश्तों की मर्यादा, जाने किसे, कौन सा और कैसे लगाना चाहिए रंग

नई दिल्ली : हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को फाल्गुन मास की पूर्णिमा में पड़ने वाली होली महापर्व का पूरे साल इंतजार रहता है. खुशियों और उमंग से भरी इस होली को मनाने के लिए लोग महीनों पहले ही तैयारी करने लगते हैं. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाने वाला होली पर्व रंगों का त्योहार है.

मान्यता है कि इस दिन क्या छोटा और क्या बड़ा सभी एक ही रंग में रंगा हुआ नजर आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अबीर, गुलाल और तमाम तरह के रंगों से खेली जाने वाली होली के भी नियम होते हैं. आइए जानते हैं कि होली खेलते समय बड़ों से लेकर बच्चों किस प्रकार रंग लगाना चाहिए.

यदि आपके घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति है और आप उसके साथ होली खेलना चाहते हैं तो उसका मान-सम्मान बढ़ाने और अपनी खुशियों को उनके साथ शेयर करने के लिए उनके पैर छूकर उनके पैरों पर ही रंग लगाएं. यदि आप पुरुष हैं और आप अपने बाबा या नाना आदि को रंग लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले उनके पैर छुएं और उसके बाद उन्हें माथे पर तिलक लगाएं और उनका आशीर्वाद लें. अपने से बड़ी उम्र के व्यक्ति जैसे बाबा-दादी, नाना-नानी, या फिर बड़े भाई-बहन आदि को पीले रंग लगाकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए. पीले रंग को अपने से बड़ों के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करने का माध्यम माना जाता है.

यदि आपसे कोई व्यक्ति उम्र में छोटा है या फिर कोई बच्चा आपके साथ होली खेलना चाहता है तो सबसे पहले आप उससे रंग लगवाएं और बाद में उसे तिलक करके या फिर गाल में रंग लगाने के बाद गले लगाएं और अपना आशीर्वाद दें. यदि उम्र से किसी छोटे व्यक्ति से पूर्व में कोई गलती हुई हो तो आपको होली के दिन उसे रंग लगाकर माफ कर देना चाहिए. अपने से छोटे लोगों या फिर बच्चों आदि को हरा रंग लगाना चाहिए. सनातन परंपरा में हरा रंग संपन्नता का प्रतीक माना गया है.

यदि आप अपने जीवनसाथी या लव पार्टनर के साथ होली खेल रहे हैं तो आप अपने प्रेम और स्नेह का इजहार करने के लिए लाल, गुलाबी या केसरिया रंग लगा सकते हैं. मान्यता कि इन रंगों को लगाने से प्रेम संबंध प्रगाढ़ और दांपत्य जीवन की खुशियां बढ़ती हैं.

सनातन परंपरा में जिस खुशियों और उमंग से भरे होली पर्व को दिलों की दूरियों को खत्म करने वाला माना जाता है, उसमें कभी भी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे आपके अपने भी आपसे दूरी बना लें. मान्यता है कि होली के मौके पर जिन लोगों को आप रंग नहीं लगा सकते हैं या फिर स्पर्श नहीं कर सकते हैं, उन्हें उनके पैरों पर रंग अर्पित करके अपनी खुशियों का इजहार करें. भूलकर भी अपने से बड़ों और छोटों को काला रंग न लगाएं.

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