भूलकर भी गुरुवार को न करें यह काम, कमजोर होता है बृहस्पति
नई दिल्ली : गुरुवार जो देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित होता है। बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं, यह दूसरे ग्रहों के मुकाबले भारी होते हैं। बृहस्पति के आशीर्वाद से जीवन की सभी परेशानियों का निवारण होता है। सनातन धर्म में गुरुवार को तो धर्म का दिन मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार को ऐसे कामों को नहीं करना चाहिए, जिनसे कुंडली में देवगुरु बृहस्पति की स्थिति कमजोर होती हो। गुरुवार के दिन उन कामों की मनाही हैं जिससे शरीर या घर में हल्कापन आता हो, क्योंकि इससे गुरू के प्रभाव में आने वाले कारक तत्वों का प्रभाव हल्का हो जाता है।
मान्यता के अनुसार, गुरुवार के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही दाढ़ी बनवानी चाहिए। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे देवगुरू बृहस्पति से अशुभ फल प्राप्त होते हैं। इससे कई तरह की समस्याएँ सामने आती हैं। न सिर्फ व्यक्ति की आयु घटती है, अपितु वह आर्थिक परेशानियों से घिर जाता है।
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा में सरसों के तेल या तिल के तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन केवल देसी घी के दीपक का ही इस्तेमाल करना चाहिए, इससे भगवान प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि गुरुवार के दिन जो महिलाएँ बाल धोती है, उनके संतान और पति दोनों के जीवन में बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही बृहस्पतिवार के दिन सिर धोने से बृहस्पति कमजोर होता है और बृहस्पति कमजोर होने से कोई भी काम सुचारू तरीके से पूर्ण नहीं हो पाता है। इसलिए इस दिन बाल न धोएं।
किसी भी जन्मकुंडली में दूसरा और ग्यारहवां भाव धन के स्थान होते हैं। गुरु ग्रह इन दोनों ही स्थानों का कारक ग्रह होता है। गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। धन लाभ की जो भी स्थितियाँ बन रही होती हैं, उन सभी में रुकावट आने लगती है। गुरुवार के दिन शेविंग करना भी इसीलिए निषेध है। शरीर के बालों को साफ करना गुरुवार के दिन उचित नहीं माना जाता है।
बाल ना धोने वाला तर्क ही यहां भी लागू होता है। इस दिन बाल भी नहीं कटवाना चाहिए। बाल कटवाने का गलत असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है। उनकी उन्नति बाधित होती है।
बृहस्पति का प्रभाव शरीर पर रहता है। उसी प्रकार से घर पर भी बृहस्पति का प्रभाव उतना ही गहरा होता है। वास्तु अनुसार घर में ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है। ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है। पोछा लगाने से घर का ईशान कोण कमजोर होता है। ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी बच्चों से होता है। साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से होता है। घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार के दिन केले के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन केले के वृक्ष की पूजा होती है और कहा जाता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है।
बृहस्पतिवार के दिन कपड़े नहीं धोने चाहिए और न साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।