डबल इंजन की सरकार ने 10 साल में नौकरी न देकर नौजवानों का एक तिहाई जीवन बर्बाद कर दियाः अखिलेश यादव
देवरिया: जिले में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। केद्र और यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुझे लगता है कि देवरिया आते आते डबल इंजन की सरकार हांफ जाती है या फिर इसका धुंआ निकल जाता है। अबतो डबल इंजन सरकार का कबाड़ा निकल चुका है। ये वही लोग हैं जो किसानों से बोलते थे कि उनका आय दोगुनी कर देंगे। अब 10 साल के बाद जब किसान अपना हिसाब-किताब लगाता है तो पता चलता है कि किसानों के पैदावार की कीमत तक नहीं दिला पाई ये सरकार। बताओ किसान भाईयों अपकी लागत बढ़ गई कि नहीं। इस मंहगाई के दौर में न केवल लागत बढ़ी है बल्कि पिछले 10 साल में इन लोगों ने आपके खाद की बोरी से भी चोरी करना शुरू कर दिया है।
नौकरी न देकर आपका एक तिहाई जीवन बर्बाद कर दिया
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि याद रखना नौजवान साथियों आपके 10 साल नहीं गए हैं बल्कि आपको नौकरी न देकर आपका एक तिहाई जीवन बर्बाद कर दिया है। इन्होंने बड़े-बड़े सपने दिखाए थे कि निवेश आएगा। बड़े बड़े आयोजन लखनऊ, दिल्ली यहां तक कि विदेशों में भी किए। अगर हम पीछे मुड़कर देखते हैं तो जमीन पर निवेश के नाम पर सिर्फ जीरो पहुंचा है। ये लोग न केवल निवेश के नाम पर धोखा दिया बल्कि निवेश आने के बाद भी किसी नौजवान को नौकरी नहीं दिया। इसी सरकार में करीब 60 लाख नौजवानों ने परीक्षा दी लेकिन पेपर लीक होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिली।
अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि अग्निवीर की नौकरी 4 साल की है। आज हम अपने नौजवानों को कहकर जा रहा हूं कि हमारा इंडिया गठबंधन इस अग्निवीर योजना को कभी स्वीकार नहीं करेगी। जब भी हमारी सरकार आएगी हम इस अग्निवीर योजना को हमेशा के लिए हटाने का काम करेंगे। अभी तो ये अग्निवीर योजना सिर्फ फौज में आई है। हम खादी पहने वाले नौजवानों भाईयों को भी सावधान करता हूं कि अगर ये लोग सरकार में आ गए तो खाकी की नौकरी तीन साल के लिए कर देंगे।
इन लोगों ने ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई को डरा-धमका करके चंदा वसूला
अखिलेश यादव ने कहा कि इन लोगों ने ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई को डरा-धमका करके चंदा वसूला है। किसी से हजार करोड तो किसी से 500 तो किसी से 600 करोड़ ले लिए। आज हमें जिस मंहगाई का सामना करना पड़ रहा है कहीं न कहीं उस इलेक्ट्रोरल बांड की वजह से सामना करना पड़ रहा है।