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सीडीआरआई की वैज्ञानिक डा.रेनू त्रिपाठी को मलेरिया पर रिसर्च के लिए ’डा.बीएन सिंह मेमोरियल ओरेशन अवार्ड’

लखनऊ। सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में मालीक्यूलर पैरासीटोलाजी एवं इम्यूनोलाजी प्रभाग में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत डा.रेनू त्रिपाठी को प्रतिष्ठित ’’डा.बीएन सिंह मेमोरियल ओरेशन अवार्ड’’ (वर्ष 2018 के लिए) जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में गत 28 सितम्बर को आयोजित नेशनल कांग्रेस आफ पैरासीटोलाजी एवं मलेरिया उन्मूलन ग्लोबल समिट के दौरान दिया गया।
हाल ही में सितम्बर 2019 में जारी ’लैंसेट’ जर्नल की एक रिर्पोट के अनुसार, भारत मच्छर जनित रोग मलेरिया का वैष्विक घटनाओं में चैथे स्थान पर है। दुनिया भर में मलेरिया की गंभीर स्थिति और विशेष रुप से भारत के हालत को देखते हुए सीएसआईआर-सीडीआरआई में डा.रेनू त्रिपाठी और उनकी टीम ने सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ के साथ मिलकर आर्टेमिसिनिन का एक एथिल ईथर डेरीवेटिव अल्फा/बीटा आर्टीथर विकसित किया। यह दवा ’इमाल’ के ब्रांड नाम के तहत विपणन की गई थी और इसका मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट और सेरेब्रल मलेरिया के खिलाफ व्यापक रुप से अध्ययन किया गया था। मलेरिया रोगियों में बहु-केंद्रित क्लीनिकल परीक्षणों के दौरान इसकी प्रभावोत्पादकता को और दृढ़ता से स्थापित किया गया था। इस दवा के तीन दिनों के उपचार से 98 प्रतिशत मलेरिया का इलाज किया गया। डा.त्रिपाठी ने सेरेब्रल मलेरिया में इस दवा की मैकेनिज्म आफ एक्शन और न्यूरोट्रांस्मीटर पर इसके प्रभाव का भी अध्ययन किया है।  ये जानकारी पर्यावरणविद डा.मृदुल शुक्ल ने दी।

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