डॉ.अतुल कृष्ण की पुस्तक ‘उत्तराखंड के क्रांतिकारी’ का लोकार्पण
देहरादून/लखनऊ : सुभारती समूह के संस्थापक, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ.अतुल कृष्ण की नवीनतम पुस्तक ‘उत्तराखंड के क्रांतिकारी’ का भव्य लोकार्पण देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ। उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास और अनसुने वीरों को समर्पित इस पुस्तक का लोकार्पण समारोह देहरादून के गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. के.के.बी.एम. सुभारती अस्पताल, झाझरा के संयुक्त तत्तवावधान में आयोजित हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपेन्द्र चौधरी, (भा.प्र.से.), सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ‘देवज्ञ’, उत्तराखंड ज्योतिष रत्न एवं सहायक निदेशक (संस्कृत शिक्षा) उत्तराखंड सरकार रहे। डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तराखंड के क्रांतिकारियों ने जिस त्याग, राष्ट्रभक्ति और साहस के साथ संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर है। उन्होंने इस पुस्तक को शोध, भावना और तथ्यकृतीनों का संतुलित और सार्थक संयोजन बताते हुए कहा कि यह कृति युवाओं के मन में राष्ट्रगौरव और आत्मसम्मान की नई ज्योति प्रज्ज्वलित करेगी।
डॉ. अतुल कृष्ण ने अपने संबोधन में कहा कि यह पुस्तक केवल इतिहास का दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि उन असाधारण वीरों की समर्पित स्मृति है, जिनके पराक्रम ने उत्तराखंड की पर्वतीय घाटियों में साहस और क्रांति की लौ प्रज्वलित की। उन्होंने कहा कि यदि यह कृति किसी एक युवा में भी राष्ट्रप्रेम और आत्मविश्वास जगाने में सफल हो सके, तो यह उनका सबसे बड़ा पुरस्कार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तक में अनेक ऐसे अदृश्य नायक शामिल हैं जिन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे वास्तविक रूप से अधिकारी थे। डॉ. अतुल इससे पहले भी कई पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं जो समाज में युवा पीढी को शिक्षा, सेवा, संस्कार तथा राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करती हैं। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों में प्रमुख हैं जीवन तरंगिनी-मेरी जीवन यात्रा (पांच खंडों में), राष्ट्र अनुभूति आदि हैं।
गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय के डॉ.कुशलानंद गैरोला प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में शिक्षा जगत, स्वास्थ्य क्षेत्र, साहित्य और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर वरिष्ठ संकाय सदस्यों एवं पदाधिकारी द्वारा पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ। वहीं मंच संचालन डॉ. राजेश तिवारी द्वारा किया गया जिसने कार्यक्रम के वातावरण को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सौंदर्य से परिपूर्ण कर दिया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि यह कृति उत्तराखंड के इतिहास की पुनर्स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह आने वाली पीढ़ियों को अपने वास्तविक नायकों को समझने का अवसर प्रदान करेगी। कार्यक्रम के अतिथियों का सम्मान न्यासी यशवर्धन, अवनि कमल, अमित जोशी द्वारा सुभारती समूह की पारंपरिक विधि पादप भेंटकर किया गया। इस दौरान उत्तराखंड के विभिन्न शिक्षाविदों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने कहा कि उत्साह, ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व से भरा यह आयोजन उत्तराखंड की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को पुनः केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक प्रयास सिद्ध होगा। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ.रूपा हँसपाल, पुरुषोत्तम भट्ट, डॉ.रविंद्र कुमार सैनी, डॉ.प्रशांत भटनागर, डॉ.लोकेश त्यागी, रितेश श्रीवास्तव तथा डॉ.रविंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य का सहयोग रहा।




