डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू में किया उत्तर भारत के पहले इंडस्ट्रियल बॉयोटेक पार्क का उद्घाटन
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार लगातार विकास की संभावनाओं का सृजन कर रही है । जम्मू और कश्मीर को विकास के नाम पर वो सब हक़ मिलने जरूरी हैं , जिससे अभी तक वो वंचित रहा है। इसलिए केंद्र सरकार लगातार भिन्न भिन्न क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यक्रम , नीतियां बना रही है , साथ ही अवसंरचनाओं का विकास कर रही है। इसी कड़ीं में में आज जम्मू के कठुआ जिले के घाट्टी क्षेत्र में 42 करोड़ की राशि से तैयार उत्तर भारत के पहले इंडस्ट्रियल बायोटेक पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया है।
इस औद्योगिक बायोटेक पार्क के लोकार्पण के अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। इसके अलावा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अरविंद सूद, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजय राघवन, सचिव भारत सरकार बायोटेक्नॉलजी डॉ. राजेश गोखली, सचिव साइंस टेक्नोलॉजी डॉ. एस चंद्रशेखर, सचिव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय डॉ. रवि चंद्र शेखर भी कार्यक्रम में सम्मिलित थे।
जम्मू-कश्मीर में केंद्र की ओर से कठुआ के घाटी और कश्मीर के हंदवाड़ा में बायोटेक पार्क स्वीकृत किया गया था। कठुआ में बायोटेक पार्क बनकर तैयार हो गया है। इसी के साथ यह उत्तर भारत का भी पहला बायोटेक पार्क होगा, जहां शोध कार्य अंजाम दिए जाएंगे। प्रदेश भर से कृषि उद्यमी अपने उत्पादों को लेकर शोध कर पाएंगे। जम्मू-कश्मीर में पाई जाने वाली प्राकृतिक जड़ी बूटियों से लेकर लैवेंडर को लेकर भी शोध होंगे, जो किसानों की आय को दोगुना करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि कठुआ जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब के युवाओं के सपनों को साकार करने की योजना है।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब को बायोटेक पार्क का लाभ होगा। औषधीय गुणों वाली वनस्पति पर अध्ययन होने से रोजगार के अवसर निकलेंगे। बायोटेक पार्क पर हुए खर्च में 90 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र से और दस फीसदी जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से की गई है।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा जम्मू के भद्रवाह में देश के पहले ‘लैवेंडर फेस्टिवल (Lavendar festival)’ का उद्घाटन किया गया था जहां लैवेंडर की खेती ने पहाड़ी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदल दिया है। डोडा जिले में भद्रवाह भारत की बैंगनी क्रांति का जन्मस्थान है। डॉ जितेंद्र सिंह ने डोडा जिले के भद्रवाह को भारत की बैंगनी क्रांति का जन्मस्थान बताया है।
लैवेंडर ने जम्मू और कश्मीर में किसानों की किस्मत बदल दी है, ‘अरोमा मिशन या पर्पल रेवोल्यूशन’ के तहत, केंद्र सरकार की एक पहल है जो केंद्र शासित प्रदेश के किसान समुदाय के जीवन को बदलने की दिशा में है।
बैंगनी या लैवेंडर क्रांति 2016 में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अरोमा मिशन के माध्यम से शुरू की गई थी।
मिशन का उद्देश्य आयातित सुगंधित तेलों से घरेलू किस्मों की ओर बढ़ते हुए घरेलू सुगंधित फसल-आधारित कृषि अर्थव्यवस्था का समर्थन करना है। जम्मू-कश्मीर के लगभग सभी 20 जिलों में लैवेंडर की खेती की जाती है। इस तरह कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भी जम्मू में लगातार प्रयास हो रहे हैं।