ड्रैगन-पाक और बांग्लादेश का बड़ा प्लान! जानें क्यों इंडियन आर्मी खरीद रही ₹70 हजार करोड़ के हथियार
नईदिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना (Indian Army) के लिए 70 हजार 584 करोड़ के डिफेंस इक्विपमेंट की खरीद को जरुरी मंजूरी दी है। जी हां, डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में DAC (डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल) ने इस खरीद को मंजूरी दी। जानकारी के अनुसार इन खरीदे जा रहे हथियारों में नेवी के लिए 60 मेड इन इंडिया यूटिलिटी मरीन हेलिकॉप्टर और 200 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल होंगे।
इसके साथ ही आर्मी को 307 हॉवित्जर तोपें दी जाएंगी। वहीं साथ ही एयरफोर्स के लिए ख़ास तौर पर लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन खरीदे जाएंगे। ख़ास बात यह होगी कि, इन वेपन्स को सुखोई- 30 फाइटर जेट्स से अटैच किया जाएगा। इसके साथ ही इंडियन कोस्ट गार्ड्स के लिए भी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर्स खरीदे जा रहे हैं। इसे खास तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बनाएगी।
क्यों जरुरी है ये प्रपोजल
जी हां, मोदी सरकार अब देश की सेना को जरुरी सैन्य आयुध से और भी सुसज्जित और पुख्ता करेगी। अब सेना के लिए 70, 584 करोड़ के हथियार खरीदे जाएंगे। यह फैसला इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि बीते तीन साल से पूर्वी लद्दाख में मौजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चीन के साथ आज भी तनाव जारी है। दरअसल डिफेंस एक्वजिशन काउंसिल ने AoN (एक्सेप्टेंस) ऑफ नेसेसिटी के तहत डील का प्रपोजल रखा था।
ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा यह पैसा इसी के तहत जारी होगा, यह एक स्पेशल और बहुत ख़ास प्रोग्राम है। इसका मकसद भारत में बने उपकरण का अब हथियार में शामिल करना है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए अब कुल 2,71,538 करोड़ रुपए मंजूर किए जा चुके हैं। इसका 98।9% हिस्सा भारत में बने सामान खरीदने पर ही खर्च होगा।
पाकिस्तान-बांग्लादेश चीन से खरीद रहे हथियार
जानकारी हो कि, दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच युद्ध, शस्त्रीकरण, शस्त्रों पर नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में शोध के लिए काम करने वाली स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक ख़ास रिपोर्ट के अनुसार भारत के ‘नॉट-सो-फ्रेंडली’ पड़ोसियों का झुकाव भी अब चीन की तरफ बढ़ रहा है। वहीं बीते पांच सालों, यानी 2018 से 2022 के दौरान पाकिस्तान ने 2013-17 की तुलना में हथियारों का 14% ज़्यादा आयात किया, और अपनी ज़रूरत का तीन-चौथाई से भी ज़्यादा हिस्सा पाकिस्तान ने चीन से ही मंगवाया है।
पाकिस्तान-बांग्लादेश और चीन क्या बना रहे कोई बड़ा प्लान
वहीं बांग्लादेश भी अपने कुल आयात का लगभग तीन-चौथाई, यानी 74% हिस्सा चीन से ही खरीदता है। वहीं चीन के कुल हथियार निर्यात का 12%हिस्सा बांग्लादेश ही खरीदता है।इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन हथियार निर्यात के मामले में दुनिया में इस वक़्त चौथे पायदान पर है, और समूचे विश्व में होने वाले हथियार निर्यात का 5.2% हिस्सा वही बेचता है, लेकिन अहम तथ्य यह है कि उसके कुल निर्यात का 54% हिस्सा पाकिस्तान को ही जाता है।