ड्रैगन की नापाक साजिश का खुलासा, चीन के ड्रोन को भारत भेजता है पाकिस्तान
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने भारत में चीन के ड्रोन का इस्तेमाल किया है. फॉरेंसिक रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पाकिस्तान ड्रोन के जरिए अक्सर ड्रग्स और हथियार भारत की सीमा में भेजने का प्रयास करता रहा है. हालांकि, मुस्तैद बीएसएफ जवान उसके नापाक इरादों को हर बार नाकाम कर देते हैं. बीएसएफ ने 25 दिसंबर 2022 को पाकिस्तान से आने वाले एक ऐसे ही ड्रोन को बर्बाद कर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया था.
इस ड्रोन को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया तो चीन और पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. 25 दिसंबर 2022 को एओआर बीओपी राजाताल, अमृतसर सेक्टर में एक पाकिस्तानी क्वाडकॉप्टर ड्रोन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की. बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन पर गोलीबारी की और नीचे गिरा दिया. ड्रोन को जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए बीएसएफ मुख्यालय भेज दिया गया. इस संबंध में पुलिस स्टेशन गरिंडा, जिला अमृतसर में केस दर्ज किया गया था.
ड्रोन के फॉरेंसिक जांच से पता चला कि 11 जून 2022 को यह चीन के फेंग जियान जिले, शंघाई में उड़ान भर चुका था. इसके बाद इसने 24 सितंबर 2022 से 25 दिसंबर 2022 तक पाकिस्तान के पंजाब में खानेवाल पर 28 बार उड़ान भरी थी. 2019 से पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में ड्रोन भेजने के मामले बढ़े हैं.इस ड्रोन की जब जांच की जाती है तो सुरक्षाकर्मियों को आमतौर पर हेरोइन के पैकेट मिलते हैं. कुछ मामलों में ड्रोन से चीनी पिस्तौलें भी बंधी होती हैं.
सुरक्षाकर्मियों ने राजस्थान बॉर्डर के पास भी ड्रग्स के साथ ड्रोन को देखा है. पिछले 2 हफ्तों में 8 ड्रोन को मार गिराया गया है, जबकि पिछले साल 22 के करीब ड्रोन को सुरक्षाकर्मियों ने मार गिराया. मई 2019 में पहला मामला आया जब ड्रोन के जरिए ड्रग्स की सप्लाई सीमा पार से की गई. इसके बाद इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती गई, हालांकि इसके साथ ही निगरानी भी दुरुस्त होती गई. बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि जो भी ड्रोन पकड़े गए हैं या मार गिराए गए हैं, उनमें से अधिकांश ड्रोन चीन में निर्मित होते हैं और उनकी बैटरी कराची स्थित एक कंपनी द्वारा निर्मित होती है.