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पैगंबर मोहम्मद पर बयान के बाद खूंखार तालिबान की भारत को सलाह, कट्टरपंथियों को न दें बढ़ावा

काबुल : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित प्रवक्ता के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की निन्दा करने वाले इस्लामिक देशों में अब तालिबान शासन भी शामिल हो गया है। कथित बयान को लेकर मुस्लिम देशों में तूफान खड़ा हो गया है। कतर, ईरान और कुवैत समेत कई खाड़ी देशों ने भाजपा से निष्कासित नेता के बयान को खारिज करते हुए राजदूतों को आपत्ति पत्र दिया था।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान जारी कर कहा कि इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान भारत में सत्तारूढ़ दल के एक नेता द्वारा इस्लाम के पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि इस तरह के कट्टरपंथियों को इस्लाम के पवित्र धर्म का अपमान करने और मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने की इजाजत न दें।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही काबुल सरकार से संबंध बहाल करने के उदेश्य से संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने वहां का दौरा किया और विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की थी। भारत अफगानिस्तान के लोगों को गेहूं, दवाएं और कोविड के टीके उपलब्ध करा रहा है। इस दल ने वहां भारत द्वारा चलायी जा रही विकास परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया।

बता दें कि इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने भी बयान के बाद भारत को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। ओआईसी के आरोपों का भारत ने भी जवाब दिया और कहा कि ओआईसी का बयान संकीर्ण सोच वाला है जिसे भारत खारिज करता है। भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है। भारत के तरफ से कहागया कि कुछ लोगों की टिप्पणियां भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाती हैं। ऐसे लोगों पर संबंधित संस्थाएं कार्रवाई करती हैं।

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