नई दिल्ली : पानी हर प्राणी के लिए जरूरी है। बिना पानी के जीवन की कल्पना भी नहीं कि जा सकती है, कहावत है कि बिन पानी सब शून्य है, किन्तु जीवन देने वाला पानी भी जहर का काम करता है अगर आप इनका नियम पूर्वक इस्तेमाल ना करें। गर्मियों के मौसम में थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है। ऐसे में पानी का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। उचित मात्रा में पानी का सेवन ब्लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
वहीं दूसरी ओर अगर उचित मात्रा में पाानी का सेवन करना। ज्यादातर लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में पानी पीना भूल जाते हैं। ऐसे में उन्हें डिहाईड्रेशन और पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। गर्मियों के मौसम में अधिक पसीना आने के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि आप रोजाना 2 से 3 लीटर यानी 8-9 गिलास पानी का सेवन जरूर करें। इंसान के शरीर को लगभग 65 प्रतिशत पानी की जरूरत होती है।
यहां कि आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्र, कूटनीति, राजनीति ही नहीं बल्कि व्यवहारिक जीवन (practical life) से जुड़ी कई अहम बातें भी बताई हैं! चाणक्य नीति में लिखी गईं बातें अच्छी सेहत, सुखी-सफल जीवन, खुशहाल रिश्तों, साधन संपन्न जीवन और अपार धन पाने में मदद करती हैं। इसके अलावा वे अच्छी सेहत के बारे में महत्वपूर्ण सलाह देती हैं।आचार्य चाणक्य आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे, उन्हें स्वस्थ रहने के कुछ अचूक मंत्र बताए हैं।
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में पानी को लेकर लिखा है कि पानी हमेशा सही समय पर पीना चाहिए क्योंकि गलत समय पर पिया गया पानी जहर के समान है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन करने के तुरंत बाद पिया गया पानी जहर के समान होता है। यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। भोजन के पाचन में गड़बड़ी पैदा करता है।
यहां तक कि आचार्य चाणक्य ने श्लोक के माध्यम से बताया है कि अपच होने पर जल औषधी के समान है। अपच होने से शरीर की संपूर्ण व्यवस्था प्रभावित होती है। इससे शरीर भोजन के लाभकारी गुण और पोषक तत्वों को ग्रहण नहीं कर पाता है। ऐसे में खूब जल पीना चाहिए इससे पाचन क्रिया ठीक होती है और कमजोरी महसूस नहीं होती है।
गर्मियों के मौसम में थकान और कमजोरी महसूस होना आम बात है। ऐसे में पानी का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। उचित मात्रा में पानी का सेवन ब्लड सर्कुलेशन की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। पानी शरीर में ऑक्सीजन और दूसरे न्यूट्रिएंट्स को पहुंचाने में मदद करता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भोजन करने के आधा से एक घंटे बाद पिया गया पानी शारीरिक बल बढ़ाता है. वहीं भोजन के पचने के बाद पिया गया पानी सबसे उत्तम होता है और यह शरीर के लिए दवा की तरह काम करता है। वहीं भोजन के बीच एक-दो घूंट पानी पीना बहुत अच्छा होता है, लेकिन भोजन के दौरान और भोजन के तुरंत बाद ढेर सारा पानी पीना सेहत को खराब कर देता है।