सावधान : खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से हो सकती है आपकी मौत
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है। सबसे पहले आप हमेशा ये बात याद रखें कि शरीर मे सारी बीमारियाँ वात-पित्त और कफ के बिगड़ने से ही होती हैं !सबसे पहले आप हमेशा ये बात याद रखें कि शरीर मे सारी बीमारियाँ वात-पित्त और कफ के बिगड़ने से ही होती हैं।
अब आप पूछेंगे ये वात-पित्त और कफ क्या होता है?
बहुत ज्यादा गहराई मे जाने की जरूरत नहीं आप ऐसे समझे की सिर से लेकर छाती के बीच तक जितने रोग होते हैं वो सब कफ बिगड़ने के कारण होते हैं। छाती के बीच से लेकर पेट और कमर के अंत तक जितने रोग होते हैं वो पित्त बिगड़ने के कारण होते हैं और कमर से लेकर घुटने और पैरों के अंत तक जितने रोग होते हैं वो सब वात बिगड़ने के कारण होते हैं।
हमारे हाथ की कलाई मे ये वात-पित्त और कफ की तीन नाड़ियाँ होती हैं। भारत मे ऐसे ऐसे नाड़ी विशेषज्ञ रहे हैं जो आपकी नाड़ी पकड़ कर ये बता दिया करते थे कि आपने एक सप्ताह पहले क्या खाया एक दिन पहले क्या खाया-दो पहले क्या खाया। और नाड़ी पकड़ कर ही बता देते थे कि आपको क्या रोग है। आजकल ऐसी बहुत ही कम मिलते हैं।
शायद आपके मन मे सवाल आए ये वात-पित्त कफ दिखने मे कैसे होते हैं?
तो फिलहाल आप इतना जान लीजिये। कफ और पित्त लगभग एक जैसे होते हैं। आम भाषा मे नाक से निकलने वाली बलगम को कफ कहते हैं। कफ थोड़ा गाढ़ा और चिपचिपा होता है। मुंह मे से निकलने वाली बलगम को पित्त कहते हैं। ये कम चिपचिपा और द्रव्य जैसा होता है। और शरीर से निकले वाली वायु को वात कहते हैं। ये अदृश्य होती है।
कई बार पेट मे गैस बनने के कारण सिर दर्द होता है तो इसे आप कफ का रोग नहीं कहेंगे इसे पित्त का रोग कहेंगे। क्यूंकि पित्त बिगड़ने से गैस हो रही है और सिर दर्द हो रहा है। ये ज्ञान बहुत गहरा है खैर आप इतना याद रखें कि इस वात-पित्त और कफ के संतुलन के बिगड़ने से ही सभी रोग आते हैं।
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और ये तीनों ही मनुष्य की आयु के साथ अलग अलग ढंग से बढ़ते हैं। बच्चे के पैदा होने से 14 वर्ष की आयु तक कफ के रोग ज्यादा होते है। बार बार खांसी ,सर्दी ,छींके आना आदि होगा। 14 वर्ष से 60 साल तक पित्त के रोग सबसे ज्यादा होते हैं बार बार पेट दर्द करना, गैस बनना ,खट्टी खट्टी डकारे आना आदि। और उसके बाद बुढ़ापे मे वात के रोग सबसे ज्यादा होते हैं घुटने दुखना, जोड़ो का दर्द आदि।