राष्ट्रीय

Driving Advisory: कोहरे में ड्राइविंग अलर्ट: म्यूजिक बंद रखें, रफ्तार धीमी रखें- ड्राइविंग को लेकर एडवाइजरी जारी

नई दिल्ली: उत्तर भारत में सर्दी के साथ घना कोहरा अब सिर्फ मौसम की परेशानी नहीं, बल्कि सड़क पर जानलेवा खतरा बन चुका है। सुबह और रात के समय विजिबिलिटी बेहद कम हो जाने से हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी खतरे को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने वाहन चालकों के लिए एक विस्तृत सेफ ड्राइविंग एडवाइजरी जारी की है। प्रशासन ने साफ कहा है कि कोहरे में जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि सतर्कता ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

गाड़ी में म्यूजिक नहीं, सड़क की आवाज़ सुनना ज़रूरी
प्रशासन के मुताबिक, कोहरे में ड्राइविंग के दौरान वाहन का म्यूजिक सिस्टम या एफएम रेडियो बंद रखना बेहद जरूरी है। इसकी वजह यह है कि कम विजिबिलिटी में दूसरे वाहनों के हॉर्न, इंजन या ब्रेक की आवाज़ समय रहते सुनाई दे सके, जिससे दुर्घटना से बचा जा सके। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी उदित नारायण पांडेय ने कहा कि अगर यात्रा टाली जा सकती है, तो कोहरे में बाहर निकलने से बचें। समय पर पहुंचने की मजबूरी जीवन से बड़ी नहीं हो सकती।

शीशों पर जमी नमी बन सकती है खतरा
कोहरे में वाहन चलाते समय शीशों पर धुंध जमना आम समस्या है। इसे हटाने के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग न करने की सलाह दी गई है। इसके बजाय हल्के हीटर को विंडशील्ड की दिशा में चलाएं ताकि कांच साफ रहे। जिन गाड़ियों में डिफॉगर की सुविधा है, उन्हें हल्के गर्म मोड पर रखने को कहा गया है। साथ ही, वाहन की खिड़कियां थोड़ी खुली रखने की सलाह दी गई है, जिससे अंदर की नमी बाहर निकल सके और शीशों पर धुंध न जमे। शीशों को हाथ से साफ करने से बचने और साफ सूखे कपड़े या माइक्रोफाइबर का उपयोग करने को कहा गया है।

लाइट सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी

एडवाइजरी में वाहन चालकों को निर्देश दिए गए हैं कि हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखें। दिन के समय भी अगर कोहरा बना रहे तो लाइट ऑन रखना जरूरी है। पीछे से आने वाले वाहनों को सतर्क करने के लिए आवश्यकता पड़ने पर हैजर्ड लाइट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ओवरटेक से बचें, दूरी बनाकर चलें

प्रशासन ने कोहरे में ओवरटेकिंग को बेहद खतरनाक बताया है। ड्राइवरों को सलाह दी गई है कि आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाए रखें और अचानक ब्रेक लगाने से बचें। नेविगेशन ऐप्स का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन उन पर पूरी तरह निर्भर न रहें। सड़क किनारे खड़े खराब या रुके हुए वाहनों के पास अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है।

किस सड़क पर कैसे चलें?

दो लेन वाली सड़कों पर वाहन को धीरे चलाते हुए बाईं ओर रखने की सलाह दी गई है, जबकि चार लेन या डिवाइडर वाली सड़कों पर डिवाइडर के पास वाहन चलाना अपेक्षाकृत सुरक्षित माना गया है। बीच सड़क पर चलना भ्रम पैदा कर सकता है और खतरा बढ़ा सकता है।

पीछे दिखना भी है जरूरी, रेट्रो टेप पर ज़ोर

सुरक्षा बढ़ाने के लिए निजी वाहन चालकों से अपील की गई है कि वे अपने वाहन के पीछे लाल रंग की रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगवाएं, ताकि कोहरे में पीछे से आने वाले वाहन समय रहते देख सकें। प्रशासन ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों के लिए यह नियम पहले से अनिवार्य है, जिसमें आगे सफेद और पीछे लाल रेट्रो टेप लगाना शामिल है।

एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट भी तय

कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर फरवरी तक के लिए गति सीमा तय कर दी गई है।

हल्के वाहन: अधिकतम 75 किमी/घंटा

भारी वाहन: अधिकतम 60 किमी/घंटा

Related Articles

Back to top button