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ग्रामीण रोजगार घटने से बेरोजगारी बढ़कर 7.8 फीसदी, सितंबर में चार साल के निचले स्तर पर थी दर

नई दिल्ली : ग्रामीण इलाकों में रोजगार घटने की वजह से अक्तूबर में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.77 फीसदी पहुंच गई। इसके अलावा, श्रम भागीदारी दर (LPR) में मामूली गिरावट से भी बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सितंबर में बेरोजगारी दर चार साल के निचले स्तर 6.43 फीसदी रही थी।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर सितंबर के 5.84 फीसदी से बढ़कर अक्तूबर में 8.04 फीसदी पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान शहरी बेरोजगारी में कमी आई है। अक्तूबर में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 7.21 फीसदी रही, जो सितंबर में 7.7 फीसदी रही थी।

वहीं, एलपीआर भी सितंबर के 39.3 फीसदी से कम होकर 39 फीसदी रह गई। एक साल पहले यह दर 37.3 फीसदी रही थी। सीएमआईई ने कहा कि एलपीआर में लगातार गिरावट गंभीर चिंता का विषय है। इससे पता चलता है कि छोटी संख्या में ही कामकाजी उम्र की आबादी रोजगार के लिए तैयार है।

सीएमआईई ने कहा, उच्च बेरोजगारी दर के साथ एलपीआर में गिरावट का मतलब है कि रोजगार घट रहा है। देश में अक्तूबर में रोजगार मिलने की दर कम होकर 36% रह गई। इस दौरान कर्मचारियों की संख्या 78 लाख घटकर 39.64 करोड़ रह गई। सितंबर में इनकी संख्या 40.42 करोड़ रही थी।

आंकड़ों के मुताबिक, कृषि क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या नवंबर, 2021 में 16.4 करोड़ थी। इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आती गई और इस साल सितंबर में यह संख्या घटकर 13.4 करोड़ रह गई। हालांकि, सुधार के साथ अक्तूबर में कृषि क्षेत्र में रोजगार की संख्या बढ़कर 13.96 करोड़ पहुंच गई। इसके बावजूद पिछले चार साल में अक्तूबर में कृषि कामगारों की सबसे कम संख्या है।

इस दौरान सेवा क्षेत्र में 79 लाख रोजगार घटे। इसमें ग्रामीण इलाकों की 46 लाख और शहरी क्षेत्र की 33 लाख हिस्सेदारी रही। औद्योगिक क्षेत्र में कामगारों की संख्या में 53 लाख की कमी आई है। निर्माण उद्योग में 10 लाख की गिरावट रही।

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