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जम्मू: भारी विरोध के चलते 1 साल से रह रहे बाहरी लोगों को मतदाता बनाने का फैसला वापस

नई दिल्ली. जम्मू (Jammu) से आ रही बड़ी खबर के अनुसार यहां बीते एक साल से रह रहे लोगों को मतदाता बनाने वाला फैसला अब वापस ले लिया गया है। हालांकि, अभी भी इसका कोई भी औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। गौरतलब है कि, बीते मंगलवार को जम्मू की डिप्टी कमिश्नर ने जारी हुए उस नोटिफिकेशन को अब वापस ले लिया है, जिसमें सभी तहसीलदारों को जम्मू में एक साल से ज्यादा रहने वाले लोगों को आवास प्रमाण पत्र जारी करने के त्वरित आदेश दिए गए थे।

दरअसल जम्मू की डिप्टी कमिश्नर ने नए वोटर्स के रजिस्ट्रेशन (Ragistration) को लेकर बीते मंगलवार को सभी तहसीलदारों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था और जिसमे कहा गया था कि, एक साल से अधिक समय से जम्मू में रहने वाले व्यक्तियों को मतदाता के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए जरुरी रूप से वेरिफाई करें। वहीं इन दिशानिर्देशों में यह भी साफ़ कहा गया था कि, नए वोटर के रजिस्ट्रेशन में इन दस्तावेजों के अलावा निवास के अन्य प्रमाण पत्र भी स्वीकार होंगे। हालांकि, ऐसे मामलों में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर की तरफ से अधिकार प्राप्त अधिकारी को तब जरुरी फील्ड वेरिफिकेशन करना होगा।

ऐसा भी माना जा रहा है कि, भारी विरोध के बाद यह यह महत्वपूर्ण फैसला वापस लिया गया है। इस बाबत केंद्रीय प्रशासित प्रदेश की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध कर रही थीं। दरअसल नए मतदाता बनाने के लिए गए इस फैसले का कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस जैसे दल भी इसका जमकर विरोध कर रहे थे। फिर मामला तूल पकड़ता देख प्रशासन ने इस संबंध में जारी आदेश को बीती बुधवार देर रात वापस ले लिया।

इस बाबत जम्मू के डीसी की ओर से जारी इस आदेश के बाद राज्य की विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ जैसे एकजुट हो गई थीं। उन्होंने न केवल इस आदेश के खिलाफ बयान देना शुरू कर दिया था बल्कि इस पर व्यापक विरोध-प्रदर्शनों का दौर भी शुरू हो गया था।

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