कर्नाटक और केरल के विभिन्न जिलों में भारी बारिश के कारण स्कूल बंद, वायनाड में बाढ़ की आशंका

नई दिल्ली: कर्नाटक और केरल के अधिकारियों ने कई जिलों में स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं, क्योंकि दोनों राज्यों में इस सप्ताह भारी बारिश जारी है। संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के लिए सुरक्षा सलाह भी जारी की गई है, जिसमें सावधानी और तैयारियों का आग्रह किया गया है।
कर्नाटक में, दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलथांगडी तालुक में सभी आंगनवाड़ी, प्राथमिक और उच्च विद्यालय 26 जून को क्षेत्र में लगातार भारी बारिश के बाद बंद कर दिए गए हैं। हालांकि दक्षिण कन्नड़ जिला प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर जिले भर में छुट्टी घोषित नहीं की है, लेकिन बेलथांगडी तालुक में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण स्कूल बंद हैं, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया है। द हिंदू के अनुसार, राज्य के अन्य हिस्सों में, कोडागु जिले ने भी स्कूलों में बारिश की छुट्टी घोषित की है। जिला अधिकारियों ने भूस्खलन की आशंका वाले और निचले इलाकों में निरीक्षण बढ़ा दिया है, साथ ही निकासी की तैयारी और अस्थायी आश्रयों जैसे सुरक्षा उपायों को मजबूत किया है।
ऑनमैनोरमा के अनुसार, पड़ोसी केरल में, इडुक्की सहित कम से कम तीन जिलों ने 26 जून को शैक्षणिक संस्थानों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है। द हिंदू ने बताया कि राज्य के कई अन्य जिलों ने भी खराब मौसम की स्थिति के बीच कक्षाएं निलंबित कर दी हैं। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्थानीय अधिकारियों से हाई अलर्ट पर रहने का आग्रह किया है। केरल में बृहस्पतिवार को मानसूनी बारिश ने जोर पकड़ लिया और एर्नाकुलम, इडुक्की तथा त्रिशूर जिलों के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सुबह सात जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। आईएमडी ने कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिलों में सुबह तीन घंटे के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया। ‘ऑरेंज अलर्ट’ का मतलब 11 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर तक की बहुत भारी बारिश होने का अनुमान होता है। इस बीच, वायनाड जिले के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण चूरलमाला नदी उफान पर पहुंच गई। पिछले साल जुलाई में, इस क्षेत्र में हुए भूस्खलन में 200 लोगों की मौत हुई थी जबकि अनगनित घर तबाह हो गए थे।
वायनाड के मुंडक्कई-चूरलमाला क्षेत्र में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के कारण फिर से बाढ़ और भूस्खलन की आशंका पैदा हो गई है, जबकि ठीक एक साल पहले यहां भीषण भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। जिला अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चूरलमाला नदी उफान पर है और कीचड़ युक्त पानी तेजी से बह रहा है तथा बेली ब्रिज के पास नदी के तटीय क्षेत्रों में कटाव हो रहा है। नदी के दोनों किनारों पर मरम्मत कार्य के लिए जमा की गई मिट्टी बह गई है, जिससे अट्टामाला रोड और आस-पास के इलाकों में पानी भर गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में खास तौर पर पुंचिरीमट्टम के पास के जंगली इलाकों में हालिया भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।