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पंजाब: जहरीली गैस से मची तबाही के कारण लोगों में डर बरकरार, 300 मीटर का इलाका रहा सील

लुधियाना: ग्यासपुरा, सुआ रोड़ पर हुई गैस रिसाव त्रासदी के दूसरे दिन भी दहशत बरकरार है। लोगों की आंखों में डर दिखाई दे रहा था। घटनास्थल के पास जाने से लोग घबरा रहे थे। हालांकि, पुलिस प्रशासन की तरफ से घटना के बाद से ही करीब 3 मीटर का एरिया सील किया हुआ था। सोमवार सुबह से ही अलग-अलग विभागों के अधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ इलाके की गली-गली में जाकर जांच में लगे हुए थे। एन.डी.आर.एफ. की टीमों ने करीब 100 से 150 मीटर के एरिया का पूरी तरह से सर्च किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि गैस कैसे बनी और किस तरह से सीवरेज के अंदर तक पहुंची। क्योंकि, उनकी डिवाइस में ज्यादातर 100 मीटर के एरिया में गैस का ज्यादा प्रभाव नापा गया था। उधर, नगर निगम के अधिकारी अपनी टीमों के साथ आसपास के इलाके और गलियों के सीवरेज के ढक्कन उठाकर पानी के सैंपल ले रही थी। इसके अलावा सीवरेज के अंदर कास्टिक सोडा डाला जा रहा था ताकि जहरीली गैस का असर कम हो सके।

आसपास की फैक्ट्ररीयों और इंडस्ट्रियों के लिए गए सैंपल
जिला प्रशासन की तरफ से सैंपल लेने के लिए फोरेंसिक टीमें बुलाई है, जोकि घटनास्थल के नजदीक और आसपास के इलाके में मौजूद फैक्टरी और इंडस्ट्रीयों से सैंपल इक्ट्ठा कर रही थी। जिन्हे टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम की टीमें भी लगातार सीवरेज की पाइपों को साफ करने में लगे है।

मृतकों के घरों के अंदर बनी होदियों का भी लिया गया सैंपल
जांच टीमों की तरफ से हादसे में मारे गए लोगों के घरों के अंदर बनी होदियों को खोलकर उनके भी सैंपल लिए गए है। इसके अलावा उनके घर के अंदर की जांच की गई है।

300 मीटर के अंदर दुकानें रही बंद, लोग दहशत में
पुलिस प्रशासन द्वारा सील किए गए इलाके के दायरे में आने वाली दुकानों के बंद रखा गया। हादसे के दूसरे दिन भी लोगों में दहशत झलक रही थी। कई इलाके के लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्होने पहले भी शिकातयें की थी। मगर रसूखदार फैक्ट्री मालिकों के आगे किसी की भी नहीं चलती थी। उनके द्वारा दी गई शिकायतों की आज तक कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों में रोष है कि आज हादसा हुआ तो सभी विभागों के अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। यही कार्रवाई पहले की होती तो 11 लोगों की जान नहीं जाती।

सी.पी. ने जांच के लिए बनाई पांच मैंबरी एस.आई.टी. टीम
दूसरे दिन भी पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू घटनास्थल पर ही नजर आए। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल वेस्ट पहले भी सीवरेज लाइनों में डाला जाता है। जिसके बारे में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुलाजिमों को पता है। उन्होंने कहा कि अगर जांच में प्रदूषण बोर्ड के मुलाजिमों की कहीं गलती आती है या फिर वह सहयोग नहीं करते तो उन पर कार्रवाई में वह गुरेज नहीं करेगें। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के लिए स्पैशल इनवेस्टीगेशन टीम (एस.आई.टी.) बनाई गई है। डी.सी.पी. हरमीत हुंदल की अगवाई में ए.डी.सी.पी. (2) सुहेल मीर कासीम, ए.डी.सी.पी. (4) तुषार गुप्ता, एसीपी साऊथ और थाना साहनेवाल के एसएचओ शामिल रहेगें। टीम जल्द ही पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देगी।

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