राजस्व कोड जरनेट होने से वन ग्रामों में खुशी का माहौल, वन अधिकार आंदोलन की बड़ी जीत: जंग हिन्दुस्तानी
बहराइच: जनपद बहराइच के मोतीपुर तहसील के अंतर्गत सैकड़ों वर्षों से वन भूमि पर रह रहे 5 वनग्रामों के वन निवासियों के जीवन में वन अधिकार कानून ने उजाला पैदा किया है। सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने इसे वन अधिकार आंदोलन की बड़ी जीत बताया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से शुरू किए गए वन अधिकार आंदोलन के परिणाम स्वरुप 28 नवंबर 2018 तथा 7 जनवरी 2022 को जनपद बहराइच के मोतीपुर तहसील के 5 वनग्राम राजस्व ग्राम में परिवर्तित हुए थे। किंतु उन गांव का कोड प्राप्त नहीं हुआ था जिससे उनके राजस्व अभिलेख नहीं मिल पा रहे थे लेकिन एक लंबे प्रयास के बाद अब जाकर उन 5 ग्रामों का राजस्व कोड जरनेट हो गया है। उत्तर प्रदेश भूलेख वेबसाइट पर इन गांव का नाम कोड सहित प्रदर्शित हो गया है। भूलेख वेबसाइट पर गांव के नाम को को सहित देखकर के वन निवासियों के चेहरे पर खुशी छा गई और एक उत्सव का माहौल बन गया। लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां देने का कार्य शुरू कर दिया ।
सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी के अनुसार अब वनग्राम भवानीपुर, बिछिया, टेडिया ,ढकिया और गोकुलपुर आदि गांवों के वन निवासियों को वन अधिकार कानून-2006 के तहत प्राप्त भूमि का विवरण राजस्व दस्तावेजों में अंकित हो जाएगा। इससे जहां एक और इन्हें खतौनी प्राप्त हो सकेगी वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हो सकेगा और बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।
राजस्व ग्राम का कोड आवंटित होने के बाद इनके गांव अब अलग ग्राम पंचायत के रूप में भी बन सकेंगे। इसके अलावा केंद्र और राज्य की समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति सहज होगी जिससे वन निवासियों के आवास, शौचालय, पक्की सड़क पक्के स्कूल आदि बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। विकास संबंधी कार्य शुरू होते ही वन निवासी देश की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे।