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महाराष्ट्र में गर्मी का तेज कहर जारी, सूरज की तेज तपिश से लोग हलकान, जानें मौसम का पूरा हाल

नई दिल्ली/मुंबई. जहाँ एक तरफ देश (India) में गर्मी (Heat wave) का कहर भी अब बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इसका असर मध्य भारत में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। गौरालब है कि, मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में इस साल अप्रैल पिछले 122 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा, जहां औसत अधिकतम तापमान क्रमश: 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा।

क्या कहता है मौसम विभाग

इस बाबत भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश के उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य भागों – गुजरात, राजस्थान, पजांब और हरियाणा – को मई में भी सामान्य से अधिक तापमान का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में मई के दौरान रात में भी गर्मी का अहसास होगा।

वहीं अब महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र (Maharashtra Vidarbha) में गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। यहां अकोला सबसे हॉट शहर हो गया है। अकोला के पड़ोसी जिले अमरावती में भी तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में लोगों को धूप में बाहर निकलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धूप का कहर इतना है कि लोग अब सूरज की तपिश में आराम से आमलेट और डोसा बना रहे हैं।

फ़िलहाल अप्रैल माह से ही महाराष्ट्र के विदर्भ के लगभग सभी शहरों में तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के पार हो चुका है। ऐसे में कई जगह रात 12 बजे से 5 बजे तक रास्तों पर सन्नाटा नजर आ रहा है। ऐसे में जो भी लोग बाहर निकल रहे हैं, उन्हें सिर ढककर और गॉगल्स लगाकर बचाव करना पड़ रहा है। वहीं इस बेतहाशा गर्मी में लोग नींबू शरबत, छाछ और कोल्ड ड्रिंक्स ले रहे हैं। इस धूप की तपिश में लोग इतने परेशान हैं कि बेहद जरूरी कामों से ही घर से निकल रहे हैं।

इधर मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक महापात्रा ने कहा कि अप्रैल के दौरान देशभर में औसत तापमान 35। 05 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि 122 वर्षों में चौथी बार सबसे अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि देश में इस साल मई के दौरान औसत बारिश सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। साथ ही कहा कि मई में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। बता दें कि देश में लोगों को – खासकर उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भागों में- पिछले कुछ सप्ताह से लू का भी सामना करना पड़ रहा है।

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