पहले इटावा और सैफई के नाम से ही लगता था लोगों को डर : CM योगी
इटावा : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले सैफई और इटावा का नाम सुनकर ही लोग भयभीत हो जाते थे। सीएम योगी ने खुद से जुड़े एक पुराने प्रसंग की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे एक बार शाम ढलने के बाद आगरा से कानपुर आने के उनके कार्यक्रम को पुलिस ने यह कहकर रोक दिया था कि रात में इस इलाके में सफर करना खतरनाक साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां किसी बात का डर नहीं है, बल्कि पूरे देश के युवा यहां डॉक्टरी की पढ़ाई करने आ रहे हैं। उन्होंने आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉक्टरों से अपील की कि वे अधिक से अधिक मरीजों को अटेंड करें। सीएम ने कहा कि हर पेशेंट से हमें कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार में ‘पिक एंड चूज’ नहीं होता, न तो मेरा-तेरा होता है। मेरा-तेरा की भावना ही सभ्य समाज को कलंकित और अपमानित करती है। यह समाज के विकास में बहुत बड़ा रोड़ा है। विकास और जनकल्याण की योजनाएं सबके लिए होनी चाहिए।
इससे पहले सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का लोकर्पण किया। उन्होंने इटावा जनपद के लिए 147 करोड़ रुपए की 37 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 112.59 करोड़ रुपए की 13 परियोजनाओं का शिलान्यास और 34.66 करोड़ की 24 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल कैसे ग्रामीण क्षेत्र की व्यवस्था बदलने में अपना योगदान दे सकते हैं, इसका उदाहरण प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बन रहे मेडिकल कॉलेज हैं। 1947 से 2017 तक 70 साल में केवल 12 मेडिकल कॉलेज यूपी में बन पाए थे। आज 45 जनपदों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं, 20 जनपदों में इनका निर्माण अंतिम चरण में है और बाकी बचे जनपदों में भी मेडिकल कॉलेज निर्माण की कार्रवाई को युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। यही हाल देश का भी था, जब 1998 तक पूरा भारत केवल एक एम्स के भरोसे चल रहा था, अटल जी ने 6 नये एम्स इस देश को दिए। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देशभर में एम्स की संख्या 22 हो चुकी है।
सीएम योगी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें अपने गांव में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए श्रेय दिया। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि इस आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का उद्घाटन नारियल फोड़कर कर दिया गया था। मगर, इसके संचालन के लिए केवल एक लाख रुपए की टोकन मनी ही दी गई थी, जबकि इसकी जरूरत 500 करोड़ रुपयों की थी।
उन्होंने कहा कि देशभर से यहां स्टूडेंट पढ़ने के लिए आ रहे हैं। यहां पूरे भारत से कार्मिक कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 10 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनने हैं, जिसमें से 5 करोड़ लोगों के कार्ड बन चुके हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के डायल 108 और डायल 102 की कार्यप्रणाली में आए सुधार की चर्चा करते हुए कहा कि पहले रिस्पॉन्स टाइम जहां 45 मिनट से लेकर आधे घंटे का होता था, वह घटकर 9 से 10 मिनट का हो चुका है।
उन्होंने बताया कि अब लखनऊ से ही सभी एंबुलेंस की मॉनिटरिंग होती है। सीएम ने पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि 2014 में पीएम मोदी ने यूपी को 150 कार्डियक वैन देने की पहल की थी, मगर तत्कालीन प्रदेश सरकार ने नहीं लिया। 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद एक महीने के अंदर प्रदेश को 150 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस मिली, इसके बाद 100 और एडवांस एंबुलेंस हमें प्राप्त हुई। इसके बाद हर जनपद में चार-चार एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस प्रदान की गई है।