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बर्फीली हवाओं से पश्चिमी के बाद शीत लहर की चपेट में आएगा पूर्वी उत्तर प्रदेश

लखनऊ : पहाड़ों पर हुई बर्फवारी का असर उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में पड़ता दिख रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां कोल्ड डे कंडीशन की स्थिति बनी हुई है तो वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो से तीन दिनों में शीत लहर लोगों को परेशान करेगी। मौसम विभाग का कहना है इस तरह का मौसम फिलहाल 24 दिसम्बर तक बना रहेगा।

अधिकतम तापमान 16 डिग्री से पहुंचा नीचे

बर्फीले पहाड़ों से बहने वाली सर्द हवाओं के चलते उत्तर प्रदेश के पश्चिमी तथा मध्य भागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे आ गए हैं, जिसके कारण कुछ इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। नजीबाबाद, बरेली, सहारनपुर सहित पश्चिमी भागों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान भी 16 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है जिसके प्रभाव से कोल्ड डे कंडीशन बनी हुई है। इस सप्ताह उत्तर प्रदेश के सभी भागों में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहने वाला है। कम से कम 20 दिसम्बर तक उत्तर-पश्चिमी दिशा से बर्फ़ीली हवाएं चलती रहेंगी, जिससे दिन और रात के तापमान में कुछ और गिरावट होने की संभावना है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि बर्फीली हवाओं का असर अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी पड़ने वाला है। इससे वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर समेत पूर्वी ज़िले भी अब शीतलहर की चपेट में आ सकते हैं।

आवश्यकतानुसार फसलों की करें सिंचाई

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। मौसम में हो रहे बदलावों के कारण फसलों में कीटों और रोगों का प्रकोप बढ़ सकता है। इसलिए फसलों का नियमित निरक्षण करते रहें व उत्तपत्ति होने पर उचित करें।

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सब्जियों तथा अन्य फसलों में इस समय दीमक का प्रकोप पाया जा सकता है, इसकी रोकथाम के लिए सिंचाई के पानी के साथ क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. 4 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर डालें। सरसों की फसल में इस समय चितकबरे कीट की आशंका रहती है। इसकी नियमित निगरानी करते रहें। गेहूं की 20-25 दिन की फसल में भी पहली सिंचाई देने का काम सम्पन्न करें और सिंचाई के 3-4 दिन बाद उर्वरक की शेष मात्रा का छिड़काव करें।

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