नई दिल्ली : अगर आप मीठा खाने के शौकीन (fond) हैं और रोज रात को डिनर के बाद मीठे में आइसक्रीम खाना पसंद करते हैं तो आप अनजाने में अपनी पर्सनालिटी को ही नहीं बल्कि सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। सुनकर हो सकता है आपको हैरानी (shock) हो कि मूड और टेस्ट (test) को बेहतर बनाने वाली आइसक्रीम आपकी पर्सनालिटी और सेहत को आखिर क्या नुकसान पहुंचा सकती है। लेकिन आयुर्वेद की मानें तो गर्म भोजन के बाद ठंडे पदार्थों का सेवन करने के लिए सख्त मना किया गया है, इसे विरुद्ध आहार कहा जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो डिनर के बाद आइसक्रीम खाने का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि यह आपकी नींद को खराब करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। आइसक्रीम में मौजूद चीनी की अधिकता नींद की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो आहार अधिक मात्रा में कैलोरी (विशेष रूप से ऐडेड शुगर) से भरपूर होते हैं उनसे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
दांतों में कैविटी की समस्या-
रात को आइसक्रीम खाने के बाद अगर आप दांतों को ब्रश नहीं करते हैं तो इसमें मौजूद चीनी रातभर आपके मुंह में मौजूद रहती है जो दांतों में लगने वाली कैविटी का खतरा बढ़ा सकती है।
कफ की शिकायत-
डिनर के बाद मीठा खाने की आदत से व्यक्ति को कफ बढ़ने की शिकायत होने लगती है। जिसकी वजह से सांस की तकलीफ, खांसी, भारीपन महसूस हो सकता है।
मोटापा-
आइसक्रीम में मौजूद कैलोरी की अधिकता वजन बढ़ाने का एक कारण हो सकती है। इसके अलावा इसमें मौजूद ऐडेड शुगर की मात्रा मोटापे का जोखिम भी बढ़ा देती है। अगर आप पहले से ही मोटापे की समस्या से परेशान हैं तो डिनर के बाद आइसक्रीम खाने से बचें।
लिवर के लिए खराब-
फ्रुक्टोज की मदद से आइसक्रीम को मीठा किया जाता है। शोधकर्ताओं की मानें तो रोजाना फ्रुक्टोज से भरपूर चीजों का सेवन करने से नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या पैदा होने का खतरा बढ़ सकता है। जिसका समय रहते इलाज न करवाने से लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।