मिश्री, शक्कर के जमे हुए क्रिस्टल को कहते हैं, जिसे रॉक शुगर भी कहा जाता है। मिश्री का उत्पादन भारत और पर्शिया में होता है। अधिकतर इसका प्रयोग मंदिर में प्रसाद के तौर पर किया जाता है, जिसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये मिश्री कितनी पवित्र खाद्य पदाथ है। वैसे आप मिश्री का सेवन किसलिए करते हैं, भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर के तौर पर या पाचन के लिए या फिर भगवान को भोग लगाने के लिए , दरअसल हम ये इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि स्वादिष्ट मिश्री का उपयोग हम औषधि के रूप में भी कर सकते है। जी हां, जिस मिश्री को आप स्वाद के लिए खाते हैं वो वास्तव में सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होती है। आज हम आपको मिश्री के कुछ फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं..
स्वाद की तरह ही मिश्री गुणों के मामले में भी बेहद लाजवाब है, इसीलिए इसका सेवन का खाने के बाद किया जाता है, इससे पाचन क्रिया दुरूस्त होती है और अगर आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं, तो इसमें मौजूद घटक आपकी आंतों के लिए बहुत लाभ पहुंचाते होते हैं। मिश्री की तासीर ठंडी होती है ऐसे में गर्मियों में इसका सेवन फायदेमंद होता है, ये गर्मी के दिनों में लू से बचाती है। इसलिए गर्मी के दिन में घर से बाहर निकलने से पहले मिश्री की शरबत घोलकर पी लें , इससे आपको लू नहीं लगेगी।
वहीं अगर गले में खराश हो रही है या खांसी से परेशान है तो इससे निजात पाने में मिश्री आपके लिए मददगार है। इसके लिए मिश्री को पानी में घोलकर पिएं या फिर सिर्फ मिश्री को चूसें, इससे खराश दूर होगी ही, साथ ही जुकाम में भी काफी हद तक राहत मिलेगी। वहीं मिश्री से टॉन्सिल्स का इलाज भी किया जा सकता है, इसके लिए टॉन्सिल्स होने पर मिश्री को मक्खन और इलायची के साथ समान मात्रा में मिलाकर सुबह शाम सेवन करें, इससे जल्दी टॉन्सिल्स से निजात मिल जाएगी।
अगर आप साइनस से परेशान है तो एक कटोरी पानी में 10 छोटी मिश्री, 10 काली मिर्च, 10 तुलसी के पत्ते और जरा सा अदरक डालकर उबाल लें और जब ये पानी आधा रह जाए तब इसे छानकर गुनगुना ही पी लें, खासकर इसका सेवन खाली पेट पीना अधिक फायदेमंद साबित होता है। वहीं अगर आपके हाथों और पैरो में जलन होती है तो, इसके लिए मक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर अपने हाथों और पैरो पर लगाएं , इससे हाथों-पैरों की जलन काफी हद तक दूर हो जाएगी।
नकसीर में मिश्री का उपयोग काफी लाभदायक साबित होता है। इसके लिए आपको बस मिश्री को पानी में मिलाकर उसे सूघंना होता है, जिससे नकसीर से आराम मिल जाता है। बवासीर के रोगियों के लिए मिश्री रामबाण है, इसके लिए सिर्फ मिश्री को मक्खन और नागकेसर के साथ मिलाकर खाना होता है, ऐसा नियमित रूप से करने से जल्द ही ये समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।