नई दिल्ली : भारत में हल्दी को सिर्फ मसाले के रूप में नहीं देखा जाता. इसे औषधि का हिस्सा माना गया है. ठंड में सर्दी खांसी के इलाज से लेकर चोट लगने पर मलहम के तौर पर हल्दी का इस्तेमाल सदियों से चला आ रहा है.
इसे खाने से ना केवल शरीर की इम्युनिटी बढती है, बल्कि चेहरे पर लगाएं तो खूबसूरती भी संवरती है. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सौ से भी ज्यादा औषधिय गुणों से भरपूर हल्दी का नकारात्मक असर भी शरीर पर हो सकता है. कितने अनुपात में हल्दी का सेवन करना चाहिए और किन्हें हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए, इसकी समझ जरूरी है. यहां आपको बता रहे हैं कि किन लोगों को हल्दी के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए.
- ज्वाइंडिस के मरीजों को: आपको इस बात की जानकारी होगी कि ज्वाइंडिस, जिसे हम पीलिया के नाम से भी जानते हैं, इस बीमारी में हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके लिये डॉक्टर मना करते हैं. अगर आप इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो गये हैं और डॉक्टर ने हल्दी खाने की अनुमति दे दी है, तभी हल्दी का सेवन करें, नहीं तो आपकी तबियत बिगड सकती है.
- शुगर के मरीजों को: यह जानकर हैरानी होगी कि शुगर के मरीजों को भी हल्दी का सेवन संभलकर करना चाहिए. दरअसल, शुगर के मरीज जो दवाएं लेते हैं, उससे खून पतला रहता है और खून में शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है. हालांकि हल्दी खाने से शुगर के मरीजों को तब तक तकलीफ नहीं होती, जब तक वे ज्यादा मात्रा में सेवन ना करें. अगर शुगर के मरीज ज्यादा हल्दी का सेवन करने लगें तो उनके शरीर में खून की कमी हो सकती है. इसलिये उन्हें कम से कम हल्दी का उपयोग करना चाहिए. क्योंकि हल्दी खून का थक्का नहीं जमने देती. ऐसे में शुगर की दवा के साथ हल्दी का ज्यादा उपयोग नुकसानदेह हो सकती है.
- पथरी के मरीजों को: जिन लोगों को पथरी है, उन्हें भी डॉक्टर कम हल्दी खाने की सलाह देते हैं.
- रक्तस्त्राव होने पर: अगर आपकी नाक से बार बार खून निकल जाता है तो हल्दी का सेवन सीमित कर दें. इससे आपकी समस्या बढ सकती है. हल्दी खून का थक्का नहीं जमने देती. तभी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाया जाता है, ताकि खून का थक्का ना जमें.