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ईडी ने कुर्क की पूर्व आईएएस राम विलास यादव की 20.36 करोड़ की संपत्ति, जानें वजह

लखनऊ। ईडी ने उत्तराखंड सरकार के तत्कालीन अपर सचिव राम विलास यादव (सेवानिवृत्त आईएएस) की 20.36 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियमके तहत की गई जांच के अन्तर्गत अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। इस पूर्व आईएएस को ईडी ने बीती 19 मई को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के अफसरों के मुताबिक जांच एजेंसी ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सतर्कता प्रतिष्ठान देहरादून द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत रामबिलास यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की थी।

इस अफसर के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में आरोप है कि एक जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2016 के दौरान पूर्व आईएएस की आय के ज्ञात स्रोतों के माध्यम से 78,51,777/- रुपये की कमाई की है। जबकि उनका खर्च 21.40 करोड़ रुपये है। इसलिए, उन पर 20.61 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति (डीए) जमा करने का आरोप लगाया गया है जो कि उनकी कानूनी आय के ज्ञात स्रोतों से 2626% अधिक है।

ईडी के अधिकारियों के अनुसार धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 के तहत जांच के सिलसिले में राम बिलास यादव को गिरफ्तार किया गया था। जांच से पता चला है कि राम बिलास यादव द्वारा कमाए गए इस अवैध के धन का इस्तेमाल उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर एक प्लैट, चार जमीनें खरीदने में किया गया।

काली कमाई को लखनऊ में उनके घर, जनता विद्यालय गुडम्बा लखनऊ, भवन समूह और रामकरन दादा मेमोरियल ट्रस्ट, गाज़ीपुर की इमारतों के निर्माण पर और चल संपत्तियों में निवेश में भी खर्च किया गया। अपराध की आय की पहचान के बाद, आरोपित एवं उसके परिवार के सदस्यों की 18.33 करोड़ रुपए की चल और करीब 2.03 करोड़ रुपए की अचल सम्पत्ति के लिए अस्थायी कुर्की आदेश जारी किए गए हैं। ईडी अभी भी इस अफसर का बेनामी संप ित्तयों की तलाश रही है।

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