रांची : 17 नवंबर (आईएएनएस)| झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध स्टोन माइनिंग के जरिए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले में ईडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू कर दी है। ईडी की ओर से भेजे गए समन पर मुख्यमंत्री रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में गुरुवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर पहुंचे। ईडी के समक्ष पेश होने के पहले सीएम ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्हें इस तरह समन भेजा गया जैसे वे देश छोड़कर भाग रहे हों। इस देश में घोटाला करने वाले व्यापारियों देश छोड़कर भागते रहे हैं, लेकिन किसी राजनेता को लेकर ऐसा कोई उदाहरण नहीं है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र का हिस्सा है। अवैध खनन को लेकर उनपर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। ईडी का कहना है कि सिर्फ एक जिले में अवैध पत्थर खनन के जरिए एक हजार करोड़ का घोटाला हुआ है, जबकि पूरे राज्य में स्टोन चिप्स से साल भर में एक हजार करोड़ रुपए की आमदनी नहीं होती।
मुख्यमंत्री ने झारखंड राज्यपाल रमेश बैस पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल का पद राजनीति और पार्टी से ऊपर से होता है, लेकिन इनके कार्यकलापों से ऐसा लगता है कि वे षड्यंत्रकारी राजनीति करने वाले दलों को संरक्षण दे रहे हैं। एक तरफ माइनिंग लीज मामले में चुनाव आयोग के मंतव्य की चिट्ठी का लिफाफा राज्यपाल महीनों बाद भी नहीं खोलते, और दूसरी तरफ बयान देते हैं राज्य में बम-पटाखा फूट सकता है। उनके बयान के तुरंत बाद ईडी का समन आता है और सत्ताधारी दलों के विधायकों के यहां आईटी और केंद्रीय एजेंसियों का छापा पड़ने लगता है। मुझे खबर है कि अभी कई और विधायकों के यहां छापमारी की तैयारी चल रही है। यह सब षड्यंत्र का हिस्सा है।
सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए ईडी के ज्वायंट डायरेक्टर कपिल राज सहित कई बड़े अफसर पहुंचे हैं। ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय की सुरक्षा कड़ी की गई है। यहां गुरुवार की सुबह से ही जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है। कार्यालय के बाहर सीआरपीएफ, जैप, आइआरबी, एसआइआरबी के जवानों की तैनाती की गई है। इधर राज्य के विभिन्न इलाकों से आए झामुमो के हजारों कार्यकर्ता रांची में जुटे हैं। वे ईडी की कार्रवाई के खिलाफ मोरहबादी मैदान के पास नारेबाजी कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने ईडी दफ्तर के पास विरोध प्रदर्शन करने वालों को पहुंचने से रोकने के तमाम इंतजाम किया है। हिनू चौक से लेकर एयरपोर्ट के इलाके तक धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
बता दें कि अवैध माइनिंग के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के जिस मामले में ईडी सीएम से पूछताछ कर रहा है, उसमें मुख्यमंत्री के विशेष प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया गया है। पंकज मिश्रा के खिलाफ दायर चार्जशीट में ईडी ने उसे मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण का विस्तार पूर्वक उल्लेख किया है। खनन घोटाले में साहिबगंज में छापेमारी के दौरान ईडी को पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा मिला था। इसमें मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेकबुक था। इसमें से दो चेक बुक हस्ताक्षरित थे। हालांकि, इसमें राशि का उल्लेख नहीं किया गया था। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक मुख्यमंत्री के नाम पर राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोका जाता था।
पंकज मिश्रा के अलावा पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने भी पूछताछ में हेमंत सोरेन से अपने संबंधों के बारे में जानकारी दी है। माना जा रहा है कि इन्हीं तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री से पूछताछ की जाएगी।
ईडी ने इसके पहले मनरेगा घोटाले के जरिए मनी लांड्रिंग में झारखंड की सीनियर आईएएस खनन सचिव पूजा सिंघल को भी गिरफ्तार किया था। उनसे जुड़े सीए सुमन कुमार के ठिकाने से 17.49 करोड़ नकद मिले थे। ईडी को जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली थी कि इसमें अवैध खनन से मिली राशि भी शामिल है। पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री से इन सभी मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे जा सकते हैं।