रांची : पत्थरों के अवैध खनन और कारोबार के जरिए एक हजार करोड़ रूपए की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने सोमवार को साहिबगंज जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव से पूछताछ शुरू की है। वह दिन लगभग साढ़े ग्यारह बजे रांची में एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के जोनल ऑफिस पहुंचे। रामनिवास यादव भारतीय प्रशासनिक सेवा के दूसरे अफसर हैं, जिनसे ईडी झारखंड के खनन घोटाले में पूछताछ कर रही है। इस मामले में सीनियर आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ के बाद उनके खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह भी बताया है कि साहिबगंज में वर्तमान उपायुक्त रामनिवास यादव के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर पत्थर का अवैध खनन हुआ है। रामनिवास निवास अक्टूबर 2020 से इस पद पर पदस्थापित हैं। झारखंड लघु खनिज परिहार नियमावली 2004 एवं झारखंड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम) नियमावली 2017 के अनुसार खनिजों के प्रबंधन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी डीसी की है। डीसी अवैध खनन के खिलाफ जिला स्तरीय टास्क फोर्स के प्रमुख भी हैं।
बता दें कि पिछले साल 18 नवंबर को सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा इस मामले में की गई पूछताछ में कहा था कि अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने कभी किसी डीसी-एसपी को नहीं रोका।
ईडी ने इस बात के भी प्रमाण जुटाए हैं कि खनन घोटाले के किंगपिन पंकज मिश्र ने न्यायिक हिरासत (जेल) में रहते हुए भी साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा से लगातार फोन कॉल पर बात की। वह ठेका-पट्टा, टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे काम के लिए अफसरों से बात करता था। ईडी ने उन नंबरों के सीडीआर भी निकाले हैं, जिनसे वह इन अफसरों को कॉल करता था।
सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक पंकज कुल 11 आईएएस-आईपीएस से लगातार संपर्क में था। इनमें से कुछ अफसरों को समन भेजे जाने की तैयारी चल रही है।
बताया जा रहा है कि ईडी मार्च 2022 में साहिबगंज में गंगा नदी नदी में पलट गई जहाज के मामले को लेकर भी साहिबगंज के डीसी से सवाल करेगी। इस जहाज पर अवैध रूप से स्टोन चिप्स लदे कई ट्रक थे। उस मामले में डीसी रामनिवास यादव ने तत्कालीन दुमका कमिश्नर चंद्रमोहन कश्यप को रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कई तरह की खामियां पाते हुए कमिश्नर ने दोबारा डीसी से रिपोर्ट मांगी थी। तब पंकज मिश्रा ने कमिश्नर को फोन कर कहा था कि जहाज के जरिए ट्रांसपोटिर्ंग का पूरा कामकाज उनका ही है, ऐसे में डीसी ने जो रिपोर्ट भेजी है उसे बिना ना-नुकुर स्वीकार किया जाए।