नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उसके समक्ष पेश होने के लिए सातवां समन जारी किया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल को 26 फरवरी को वित्तीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
इससे पहले, सोमवार को केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में ईडी के छठे समन पर भी उपस्थित नहीं हुए।आप सूत्रों के मुताबिक, समन असंवैधानिक था और फिलहाल ईडी के सामने पेश होने की वैधता अदालत में जांच के दायरे में है।
आप के सूत्रों ने कहा, दिलचस्प बात यह है कि ईडी ने इस मामले को खुद अदालत में लाने की पहल की है। लगातार समन जारी करने की बजाय उसे अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए जिससे उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू हो सके।
इससे पहले, ईडी ने 31 जनवरी को केजरीवाल को समन जारी किया था और 2 फरवरी को उसके सामने पेश होने को कहा था। यह आप संयोजक को जारी किया गया पांचवां समन था। केजरीवाल के पांचवें समन को नजरअंदाज करने के बाद ईडी कोर्ट गई।
वित्तीय जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते थे और बचकाना बहाने बना रहे हैं।। एजेंसी ने कहा, अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम लोगों के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा।
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021/22 को बनाने और उसके क्रियान्वयन में घोटाले के आरोपों के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 20 जुलाई, 2022 को मामले में CBI जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद 17 अगस्त 2022 को CBI ने शिकायत दर्ज की थी। जिसमें तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया था।
आरोप है कि आबकारी नीति के निर्माण के चरण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी और साउथ लॉबी के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। बदलें में करोड़ों की रिश्वत लेकर चुनाव में खर्च किया गया।
आबकारी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया पहले से जेल में हैं। CBI ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को ED ने संजय सिंह को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।