हेमंत सोरेन सरकार पर लटकी ईडी की तलवार
उदय कुमार चौहान
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पर संकट बरकरार है, पिछले कुछ महीनों से सीएम हेमंत सोरेन कभी अपनी सदस्यता को लेकर तो कभी अवैध खनन को लेकर जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। 17 नवंबर को मुख्यमंत्री से हुए पूछताछ के बाद एक बार फिर कहा जा रहा है कि दिसबंर के पहले हफ्ते में प्रवर्त्तन निदेशालय सीएम हेमंत सोरेन को बुला सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 17 नवंबर को ईडी ने लंबी पूछताछ की थी। लगभग 10 घंटे की पूछताछ में अवैध खनन से जुड़े कई सवाल किये गये थे। विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के संबंध में भी पूछताछ के संबंध में मिले कई अहम सवालों को सीएम के सामने रखा गया था।
अब चर्चा है कि ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से दूसरी बार पूछताछ करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में समन कभी भी जारी किया जा सकता है। इससे पहले ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में सीएम से पूछताछ के दौरान ईडी के संयुक्त निदेशक कपिल राज सहित कई अन्य अधिकारी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक पिछली बार सीएम के जवाब के आधार पर नये सवालों की सूची तैयार की गयी है, जिसे हेमंत सोरेन से पूछा जाना है।
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर से छापेमारी में एक लिफाफा मिला था, इस लिफाफे को लेकर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया गया था। इस सवाल के जवाब में सीएम ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी थी। ईडी ने पहले भी दावा किया था कि इस मामले में उनके पास अहम सबूत हैं। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जिक्र किया कि 2 ब्लैंक चेक पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी थे। अब एक बार फिर मुख्यमंत्री से लंबी पूछताछ की तैयारी है।
जानकारों की मानें तो जहां एक ओर गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह ने संतालपरगणा क्षेत्र में हो रहे खनन को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, वहीं दूसरी ओर सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू समेत तीन के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। इनमें अभिषेक प्रसाद के अलावा सीए जयपुरियार और निसिथ केसरी शामिल हैं।
गत, 17 नवंबर को प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) के वरीय अधिकारियों ने संताल परगना प्रमंडल में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक लगातार पूछताछ की थी। दिल्ली से आए ईडी के वरीय अधिकारियों ने सीएम से अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग से जुड़े कई विषयों पर तीखे सवाल किए थे। इस दौरान अवैध खनन पर अंकुश को लेकर उठाए गए कदम के बारे में जानकारी ली गई थी। सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ठिकाने से मिले उनके ब्लैंक चेक, आर्थिक स्रोत, संपत्ति और बैंक खातों के बारे में भी पूछा गया था।
ईडी ने सबसे पहले सीएम हेमंत सोरेन से यह सवाल पूछा था कि उनका पंकज मिश्रा के साथ किस तरह का संबंध है। पंकज मिश्रा के ठिकाने से ब्लैंक चेक बुक मिले हैं। इस पर सीएम हेमंत सोरेन की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने कुछ दस्तावेज पंकज मिश्रा के यहां रखे थे। ईडी ने हेमंत सोरेन से पूछा गया था कि पंकज मिश्रा को अवैध खनन के लिए संरक्षण कैसे मिला। इस पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा था कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान भी पंकज मिश्रा की ओर से कई लोगों को फोन करने के सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें किसी तरह संरक्षण नहीं दिया।
हेमंत सोरेन ने ईडी से अपनी संपत्तियों, बैंक स्टेटमेंट और निवेश के बारे में जवाब देने के लिए समय मांगा। पूजा सिंघल के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें विभाग को अच्छी तरह से चलाने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्त्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर जाने के पहले अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया था। उन्होंने ईडी की ओर से अवैध खनन के मामले में 1000 करोड़ रुपये घोटाले के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि साहिबगंज जिले में खनन से सालभर में सरकार को इतना राजस्व भी नहीं प्राप्त नहीं होता है। किस आधार पर ईडी की ओर से ये आरोप लगाए गए हैं। यह समझ से परे है।
सीएम हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वे अभी सीएम हैं, संवैधानिक पद पर हैं, लेकिन ईडी की ओर से इस तरह की कार्रवाई की जा रही है कि वे देश छोड़ कर भागने वाले हैं, लेकिन उन्हे यह नहीं लगता है कि संवैधानिक पद पर रहने वाला कोई व्यक्ति इस तरह की कार्रवाई से देश छोड़ कर भागा है। ईडी की इस तरह की कार्रवाई से कई संशय उत्पन्न होते हैं।
हेमंत सोरेन ने ईडी की कार्रवाई को सरकार को अस्थिर करने का षड़यंत्र करार देते हुए कहा था कि पहले पनडुब्बी की तरह पानी के अंदर रहकर साजिश रची रही थी, आज से पानी के बाहर आकर काम करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की ओर से महीने पहले राज्यपाल को अपना मंतव्य भेजा जा चुका है, लेकिन आज तक राज्यपाल ने उस लिफाफे को नहीं खोला है। पिछले दिनों राज्यपाल की ओर से यह कहा गया कि उन्होंने दूसरा मंतव्य राज्यपाल से मांगा है, लेकिन जब उन्होंने इस संबंध में आयोग से जानकारी मांगी, तो आयोग की ओर से कहा गया कि राज्यपाल की ओर से कोई दूसरा मंतव्य नहीं मांगा है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि ईडी-सीबीआई की ओर से अभी सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों के ठिकानों पर छापेमारी की जा सकती है।
भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सीएम पर साधा निशाना
भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि राज्य के संवैधानिक पर बैठे हेमंत सोरेन को वैधानिक संस्थाओं और न्यायालय का सम्मान करना चाहिए। जब ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन किया तो झामुमो और कांग्रेस वालों ने ऐसा राजनीतिक नाटक और बयानबाजी की जैसे वे आजादी की लड़ाई लड़कर आये हों या जैसे जनता को राहत पहुंचाने वाला काम करके आये हों। राज्य में जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है। तब से अवैध खनन, टेंडर मैनेज करने जैस कार्य में तेजी आयी है। आज राज्य के किसी भी सरकारी विभाग में हाथ डालने से काजल ही काजल मिलता है। राज्य की हेमंत सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है, सरकार को सत्ता के दलाल और बिचौलिए चला रहे हैं।