पटना : बिहार में लगता है कि शिक्षा विभाग के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक ओर बवाल मचा है, दूसरी ओर शिक्षा मंत्री ने अपने ही विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
मंत्री चंद्रशेखर ने पीत पत्र लिखकर अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि विभाग में सरकार की कार्य संहिता से काम नहीं हो रहे हैं। बताया जाता है कि मंत्री ने पीत पत्र अपर मुख्य सचिव और निदेशकों को भेजा है। पत्र में कहा गया है कि राजपत्रित अधिकारियों को भी उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि तेजतर्रार छवि के आईएएस अधिकारी केके पाठक को कुछ ही दिन पहले विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री विभाग की खबरें मीडिया में दिखाए जाने से नाराज भी बताए जा रहे हैं।
मंत्री ने पत्र में यह भी लिखा है कि शिक्षा विभाग में ज्ञान से अधिक चर्चा डराने वाली भाषा की होती है। विभाग में सीधा करने, नट वोल्ट टाइट करने, शौचालय सफाई, झाड़ू मारने, ड्रेस पहनने, डराने, वेतन काटने, उखाड़ फेंकने, निलंबित करने की चर्चा हो रही है।
बता दें कि केके पाठक नियुक्ति के बाद से ही एक्शन में नजर आ रहे हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों को जिंस, टीशर्ट पहनकर कार्यालय आने पर पाबंदी लगा दी गई। स्कूलों का औचक निरीक्षण करवाया जा रहा है तथा अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों के वेतन काटे जा रहे हैं।
जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि कार्यपालिका और विधायिका का अपना समन्वय होना चाहिए, यही जनता चाहती है। उन्होंने कहा कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है। अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने अनुभव के आधार पर बेहतर काम कर रहे हैं। वह अब तक जहां भी रहे हैं अच्छा काम किया है। राजद के नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की केके पाठक फजीहत करा रहे हैं। मुख्यमंत्री से अपील है कि फौरन केके पाठक का तबादला कर दिया जाए।