उत्तर प्रदेशबहराइच

शिक्षा ही इंसान को बनाती है ऊँचा : पूर्व मंत्री यासर शाह

मौलाना आज़ाद जयंती पर तालीमी इजलास व मुशायरा

बहराइच : मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर नाज़िरपुरा विकास मंच द्वारा आयोजित तीसरा तालीमी इजलास एवं मुशायरा–2025 एक भव्य सामाजिक आंदोलन के रूप में सामने आया। शिक्षा, साहित्य, स्वास्थ्य और समाजसेवा को एक मंच पर जोड़ते इस विशाल कार्यक्रम में क्षेत्रभर से हज़ारों की भीड़ उमड़ी। आयोजन की शुरुआत हाफ़िज़ मुनीर अहमद अंसारी के कुरान पाठ से हुई। मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री यासर शाह ने कहा कि मौलाना आज़ाद की सोच आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा—“जब तक शिक्षा हर बच्चे तक नहीं पहुँचेगी, समाज कभी प्रगतिशील नहीं बन सकता।” उनके वक्तव्य ने उपस्थित जनसमूह को शिक्षा के प्रति नई प्रेरणा दी।

मौलाना मोहम्मद अहमद बेग का उद्बोधन
तालीमी इजलास के मुख्य अतिथि मौलाना मोहम्मद अहमद बेग ने मौलाना आज़ाद के जीवन, विचारों और हिंदू-मुस्लिम एकता पर उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों और युवाओं को मौलाना आज़ाद, सर सैयद अहमद खान और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे महान शिक्षाविदों की रचनाएँ अवश्य पढ़ने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौलाना डॉ. सुफियान अहमद अंसारी और मौलाना सिराज अहमद मदनी उपस्थित रहे।

मुशायरा बना आकर्षण का केंद्र, रातभर गूंजती रही ‘वाह-वाह’
जैसे ही मुशायरे की शुरुआत हुई, वातावरण में शेरो–शायरी की महक फैल गई। रोहित शर्मा राहिल, योगेंद्र मिश्र योगी और अमर सिंह विशेन सहित कई कवियों ने शानदार कलाम पेश कर समा बाँध दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता व मक़ालानिगार सै. सगीर आबिद रिज़वी ने मौलाना आज़ाद पर आधारित एक प्रभावशाली लेख पढ़ा, जिसे खूब सराहना मिली। इसके अलावा अंजुम जैदी, मंज़ूर बहराइची और साजिद बहराइची ने भी बेहतरीन कलाम प्रस्तुत किए।

पत्रकारों, समाजसेवियों और अधिकारियों का सम्मान
नाज़िरपुरा विकास मंच ने समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने वाले लोगों को अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इसमें मो. सलीम रूमी, डॉ. अजीमुल्ला खान, मो.अकरम एडवोकेट, मो. रशीद, डॉ.अनस जरार, अमर सिंह विसेन, राकेश चंद्र श्रीवास्तव, रफी अहमद के साथ ही फ्री मेडिकल कैंप के प्रभारी आफ़ाक अहमद और रोडवेज चौकी इंचार्ज रवि यादव शामिल रहे। पत्रकारों में डी.पी. श्रीवास्तव, आनंद प्रकाश गुप्ता, अब्दुल कादिर, फराज अंसारी, बिन्नू बाबा, मोहम्मद अनवर खान और रियाज़ अहमद को सम्मानित किया गया।

नन्हे बच्चों की प्रस्तुतियों ने जीता दिल
कार्यक्रम की आत्मा छोटे बच्चों की प्रस्तुतियाँ रहीं, जिन्होंने पर्यावरण, महिला शिक्षा, स्वच्छता, तकनीक और सामाजिक सौहार्द जैसे विषयों पर दमदार अभिव्यक्ति दी। मुख्य अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को मंच पर सम्मानित किया।

प्रमुख प्रतिभागी
अल जफीरा नूर (डॉ. कमर रहमान), इशा खातून (सर सैयद), सदफ मोहम्मद सिराज (मौलाना आज़ाद), इफरा फ़िरदौस (डॉ. जाकिर हुसैन), अशरा आफ़ताब (ज्योतिबा फुले), अतौर रहमान (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम), आयत प्रवेज (फ़ातिमा शेख), अल्फिया अंसारी (महात्मा गांधी) आदि। इसके अतिरिक्त दर्जनों बच्चों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत लिया। जमील अहमद फारूकी एडवोकेट की अध्यक्षता में कार्यक्रम सफल रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता जमील अहमद फारूकी एडवोकेट ने की। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में पूरा आयोजन अनुशासित और भव्य रूप से संपन्न हुआ।

शादाब हुसैन का योगदान. विकास मंच की बढ़ी साख
पत्रकार शादाब हुसैन की मेहनत और समन्वय क्षमता ने इस कार्यक्रम को बड़ी सफलता दिलाई। उनके प्रयासों से नाजिरपुरा विकास मंच अब एक प्रभावशाली सामाजिक संस्था के रूप में उभर रहा है। नाज़िरपुरा का संदेश—शिक्षा, संस्कृति और सेवा से ही विकास संभव है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि जब समाज एकजुट होकर शिक्षा, संस्कृति और सेवा को प्राथमिकता देता है। तो विकास की राह स्वयं बनती जाती है। नाज़िरपुरा की यह पहल आने वाले वर्षों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी।

Related Articles

Back to top button