विजय रूपाणी के शव की पहचान की कोशिशें… बेटा ऋषभ पहुंचे भारत , जल्द आएगी DNA रिपोर्ट

नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भयावह विमान हादसे के बाद पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। इस हादसे में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 क्रैश हो गई, जिसमें 241 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। विमान जिस तरह दुर्घटनाग्रस्त हुआ और आग का शिकार बना, उसके चलते शवों की हालत इतनी खराब हो गई है कि अब उनकी पहचान केवल DNA टेस्ट के माध्यम से ही संभव हो पा रही है।
शवों की पहचान बनी चुनौती, DNA ही एकमात्र विकल्प
हादसे के दो दिन बाद भी अधिकांश शवों की पहचान नहीं हो सकी है। डॉक्टरों और फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार, आग के कारण शव इस कदर जल चुके हैं कि चेहरे और शरीर की कोई सामान्य पहचान बाकी नहीं रही। ऐसे में अब हर मृतक की पहचान DNA सैंपल से ही की जा रही है। सिविल अस्पताल, अहमदाबाद में पूरे सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जहां शवों का पोस्टमॉर्टम और DNA सैंपलिंग की प्रक्रिया तेज़ी से जारी है। अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मृतकों के परिजन और अधिकृत मेडिकल स्टाफ के अलावा किसी को भी परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है।
बेटे ऋषभ रूपाणी पहुंचे भारत, देंगे DNA सैंपल
इस हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निधन की पुष्टि के लिए उनके बेटे ऋषभ रूपाणी शनिवार सुबह भारत पहुंचे। वह गांधीनगर से बीजे मेडिकल कॉलेज के कासटी भवन में DNA सैंपल देने पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार, वह सुबह 11 बजे तक अस्पताल आ सकते हैं, जिससे उनके पिता के शव की पहचान की प्रक्रिया पूरी हो सके। DNA सैंपलिंग से रिपोर्ट तैयार होने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन मेडिकल अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर तेजी से पूरा किया जा रहा है।
अब तक कितने शवों की पहचान हुई?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक केवल 7 शवों की पहचान हो पाई है, जिनके परिवारों को उनके शव सौंप दिए गए हैं। शेष शवों की पहचान अभी प्रक्रिया में है। सरकार ने विशेष निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक मृतक के परिवार को सही जानकारी और समय पर शव सौंपा जाए।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, रूपाणी परिवार से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गांधीनगर में विजय रूपाणी के परिवार से भेंट की और गहरी संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि विजयभाई अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें दशकों से जानता था। हमने साथ मिलकर काम किया, कई मुश्किल समयों में। वे विनम्र, मेहनती और विचारधारा के प्रति समर्पित थे।” प्रधानमंत्री के इस संदेश से यह स्पष्ट होता है कि रूपाणी न केवल एक राजनेता थे, बल्कि पार्टी और संगठन के प्रति समर्पण के प्रतीक भी थे।