दुनिया के वैज्ञानिकों ने कई सारे शोध किए मगर पहले अंडा आया या मुर्गी ये गुत्थी तो शायद ही कोई आजतक सुलझा पाया हो। पर हां आज हम आपके लिए इसी से मिलता जुलता सवाल का लेकर आए हैं जिसका जवाब हमारे वैज्ञानिकों ने ढूंड लिया है। हालांकि ये एक वहम है जो पिछले कई सालों से लोगं के मन में चला आ रहा है।
मुर्गी ही तो अंडा देती है, तो फिर मतलब ये नॉन वेज हुआ। वैज्ञानिकों ने इसका जवाब ढूंढ लिया है, और अंडे के मांसाहारी या शाकाहारी होने की पर बहस पर विराम लगा दिया है। लेकिन, हम यहां सिर्फ साइंटिफिक बात कर रहे हैं। कई शाकाहारी लोग अंडे को मांसाहारी बताकर नहीं खाते, उनका तर्क होता है कि अंडा मुर्गी से आता है। इसलिए जब मुर्गी नॉन वेज है तो अंडा भी नॉन-वेज है। लेकिन, लोगों की इसी मानसिकता को लेकर साइंस कहती है कि दूध भी जानवर से ही निकलता है, तो वो शाकाहारी कैसे हुआ ?
अंडे को प्रोटीन का राजा कहा जाता है. एक अंडे में करीब 13 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. जिम में वर्कआउट करने से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक की डाइट में इसका होना काफी जरूरी माना जाता है. हालांकि अंडे के शाकाहारी या मांसाहारी होने को लेकर पहले से काफी बहस होती चली आई है. लोग आज भी इस बात से अंजान हैं कि आखिर अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी?
जिन लोगों को लगता है कि चूजा अंडे में से निकलता है, उन्हें पहले अंडे देने वाली प्रक्रिया को समझना चाहिए. दरअसल मुर्गी जब 6 महीने की होती है तो वो हर 24 से 26 घंटे के अंतराल में अंडा देती है. लेकिन अंडा देने के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह किसी मुर्गे के संपर्क में आई हो.
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मुर्गे से संपर्क किए बिना जब मुर्गी अंडा देती है तो उसे अनफर्टिलाइज्ड एग कहते हैं. वैज्ञानिक इस बात का प्रमाण भी दे चुके हैं कि इनमें से कभी चूजा नहीं निकल सकता इसलिए अगर आप अंडों को मांसाहारी समझ रहे हैं तो निश्चित ही आप गलत हैं.
मुर्गे के संपर्क में आने के बाद मुर्गी जो अंडा देती है उसे मांसाहारी अंडा कह सकते हैं. इन अंडों में गैमीट सेल्स मौजूद होता है, जो उन्हें मांसाहारी बना देता है. वैसे अंडे के 3 हिस्से होते हैं पहला छिलका, दूसरा सफेद परत और तीसरा अंडे की जरदी यानी पीला वाला भाग. अंडे के सफेद वाले भाग में सिर्फ प्रोटीन होता है इसलिए व्हाइट एग को शाकाहारी कहें तो गलत नहीं होगा.