नोएडा: शहर में गुरुवार को सर्वाधिक डेंगू के आठ नए मरीज मिले। एलाइजा किट से जांच के बाद इन मरीजों में बीमारी की पुष्टि की गई। सभी का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। अब डेंगू से पीड़ित मरीजों की हालत गंभीर होनी भी शुरू हो गई है। सेक्टर-63 स्थित एक निजी अस्पताल में एक मरीज को भर्ती कराया गया, जिसका प्लेटलेट्स काउंट 6000 तक पहुंच गया था। एक युवक को पांच दिनों से बुखार के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद युवक का प्लेटलेट्स काउंट छह हजार आया जिसके बाद उसे रक्त के दो जंबो पैक चढ़ाए गए। अभी मरीज की हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टरों ने मरीज की हालत दो दिन में बेहतर होने की उम्मीद जताई है।
जानकारी के अनुसार डेंगू के 10 ऐसे मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं जिनका प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से कम मिला है। ऐसे मरीजों की स्थिति नहीं सुधरने की स्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाया जा सकता है। अभी शिशु अस्पताल में डेंगू से पीड़ित तीन बच्चों का इलाज चल रहा है। यहां स्वस्थ हुए एक मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। जिला अस्पताल में भी प्रतिदिन डेंगू के एक-दो मरीजों की पुष्टि की जा रही है। हालांकि, इन मरीजों की जांच रैपिड किट से की गई है। इन मरीजों के नमूने एलाइजा किट से जांचने के बाद ही बीमारी की पुष्टि होगी। जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि जिले में अब डेंगू मरीजों की संख्या 21 हो गई है। मरीजों का पता लेकर घर और आसपास के स्थानों पर दवाओं का छिड़काव कराया जाएगा।
निजी अस्पतालों में 100 से अधिक डेंगू के संदिग्ध मरीज इलाज करवा चुके हैं। इन मरीजों में रैपिड किट से बीमारी की पुष्टि की गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव थी। इसमें से कई मरीजों को भर्ती भी किया गया है। ज्यादातर मरीजों के प्लेटलेट्स काउंट 20 हजार से कम होने पर भर्ती किया गया है। सभी की हालत स्थिर है। इन मरीजों को प्लेटलेट्स भी दिए गए हैं। घरों के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें। इकट्ठा पानी में दवाओं का छिड़काव कराएं। ऐसे कपड़े पहनें, जिससे शरीर का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ढंको हो। डेंगू के मच्छर ज्यादातर सूर्यास्त से पहले सक्रिय रहते हैं, इस दौरान विशेष एहतियात बरतें। बुखार की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लें। इसके बिना दवाओं के परहेज से बचें। बुखार होने के दौरान पौष्टिक तरल पेय का सेवन ज्यादा करें। सोने के दौरान मच्छरदानी का उपयोग करें।