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नई दिल्ली : उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक ने मुझे बताया है कि उनका दिल टूट गया है। राउत ने कहा कि शिंदे गुट के विधायक ने कहा कि वह सीएम ही बनना चाहते थे और जब से भाजपा ने उन्हें मौका नहीं दिया, तब से वह बहुत निराश हैं। वह अब तक भाजपा के दिए झटके से उबर नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक ने बताया कि एकनाथ शिंदे को लगता है कि उनका और उनके समर्थकों के फोन टैप किए जा रहे हैं। संजय राउत ने विधायक के हवाले से कहा कि पहले के ढाई साल के कार्य़काल में एकनाथ शिंदे और फडणवीस के बीच नहीं बन रही थी। दोनों की दिशा अलग थी और अब देवेंद्र फडणवीस उनसे बदला ले रहे हैं।
यही नहीं एकनाथ शिंदे को डर है कि उनके फोनों की टैपिंग होने के साथ ही दिल्ली की एजेंसियां उनकी हर मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। राउत ने कहा कि मुझे विधायक ने कहा कि अमित शाह ने चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का वादा किया था, लेकिन नतीजा आने के बाद वह पलट गए। अमित शाह के इस दावे के आधार पर ही एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव में खूब पैसा खर्च किया। अब वादे से भाजपा पलट गई है तो वह नाराज हो गए। संजय राउत ने ये दावे उद्धव सेना के मुखपत्र सामना में किए हैं। राउत ने कहा कि भले ही महायुति को अच्छा बहुमत मिला है, लेकिन राज्य अब भी आगे नहीं बढ़ रहा है। इसकी वजह एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की आपसी कलह है। उन्होंने कहा कि भले ही शिंदे से मौका छीन लिया गया, लेकिन सीएम बनने के लिए वह अब भी बेचैन हैं।
सांसद ने कहा कि एक फ्लाइट में मुझे शिंदे गुट के सीनियर विधायक मिले थे। उन्होंने ही मुझे ये जानकारियां दी हैं। विधायक के हवाले से राउत ने लिखा, ‘हम आपके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। यदि जीत मिली तो आप फिर से मुख्यमंत्री होंगे। अमित शाह ने यह वादा एकनाथ शिंदे से किया था। यह कहते हुए उन्होंने एकनाथ शिंदे से चुनाव में खुलकर खर्च करने को भी कहा। शिंदे ने इसी आधार पर बड़ी पूंजी भी चुनाव में लुटा दी, लेकिन अमित शाह अपने वादे से पलट गए। अब एकनाथ शिंदे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।’ राउत ने कहा कि फिलहाल तो एकनाथ शिंदे भ्रम में हैं कि आखिर मैं किस रास्ते पर जाऊं। उन्होंने कहा कि शिंदे को डर है कि उनके और समर्थकों के फोन टैप हो रहे हैं। दिल्ली की एजेंसियां उनकी हर मूवमेंट पर नजर रख रही हैं।
बता दें कि बीते साल नवंबर में शिवसेना के एक करीबी नेता ने कहा था कि यदि महायुति को जीत मिली तो वह सीएम बनेंगे। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा ने कई मीटिंग की थीं और गठबंधन की कोशिशें भी तेज हुई थीं। इसी दौरान भाजपा की ओर से उनसे वादा किया गया था कि यदि महायुति को जीत मिली तो शिंदे ही सीएम होंगे।