कांग्रेस में बुजुर्ग नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट, हरीश रावत भी रेस से हटे!
दस्तक टाइम्स, देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव व 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान हर कदम फूंक-फूंककर रख रहा है। पार्टी नेतृत्व अबकि बार बुजुर्ग नेताओं को आगे रखने का जोखिम लेने के मूड में कतई नहीं हैं। कांग्रेस सीटिंग विधायक या अगली पीढ़ी के कद्दावर नेताओं को चुनावी मैदान में उतार सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान के रूख को देखते हुए हरीश रावत को टिकट की दावेदारी से पीछे हटना पड़ा है। वहीं, हरीश रावत के पीछे हटने से हरक सिंह रावत के चेहरे में खुशी साफ नजर आ रही है।
दरअसल, हरीश रावत पिछले एक-डेढ़ साल से हरिद्वार संसदीय क्षेत्र में खासे सक्रिय नजर आते रहे हैं। वह कई बार हरिद्वार से चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं। उनके अलावा कांग्रेस के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी हरिद्वारा में कई नेताओं के घर जाकर मुलाकात करते रहे हैं। हरक सिंह ने भी हरिद्वार से टिकट के लिए दावेदारी पेश की है। मगर, हरीश रावत की कांग्रेस नेतृत्व में मजबूत पकड़ होने के कारण हरक सिंह टिकट मिलने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त भी नहीं दिखते रहे हैं। मगर, तीन दिन पूर्व हरीश रावत ने खुद चुनाव न लड़ने के संकेत दिए हैं, जिसके बाद हरक सिंह रावत काफी खुश नजर आ रहे हैं।
आज सोमवार को हरक सिंह रावत ने मीडिया को बड़ा बयान दिया है। हरक सिंह ने कहा कि उनसे कांग्रेस नेतृत्व ने पूछा था कि वह कौन सी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्होंने बता दिया था कि उनकी पहली पसंद हरिद्वार सीट ही है। हरिद्वार के अलावा पौड़ी सीट में भी उन्होंने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। माना जा रहा है कि हरीश रावत के दावेदारी से हटने के बाद हरक सिंह की राह अब आसान हो गई है। वहीं, हरीश रावत का यह रूख इस बात का साफ संकेत है कि कांग्रेस हाईकमान अन्य सीटों पर भी बुजुर्ग नेताओं की दावेदारी को नजरंदाज कर सकता है। वैसे भी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में आर्थिक सुधार के बाद अब समान नागरिक संहिता लाकर कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण में किसी भी तरह का जोखिम मोल लेना नहीं चाहती है।