प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का चुनाव 22 मई को
भोपाल: देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों पेंशनर्स (Employees-Pensioners) के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) 34% वृद्धि की गई है। वहीं मध्य प्रदेश के 4,75,000 पेंशनर्स (MP Pensioners) के महंगाई राहत (DR) अभी अटके हुए हैं। दरअसल उनके 31% महंगाई राहत पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। इसी बीच मध्य प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन (Madhya Pradesh Pensioners Association) के लिए 22 मई को नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। बता दे कि अभी वर्तमान में श्याम जोशी इस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
मध्यप्रदेश के पेंशनर्स कर्मचारी लंबे समय से महंगाई राहत में बढ़ोतरी की राह देख रहे हैं। हालांकि उन्हें अब तक महंगाई राहत का लाभ नहीं मिला है। जिससे उनके अंदर नाराजगी देखी जा रही है। वहीं 22 मई को जबलपुर के अधिवेशन में मध्य प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन को नए अध्यक्ष मिलेंगे। साथ ही भोपाल से चार अलग-अलग दल इसमें हिस्सा लेंगे। जिसमें विरोध प्रदर्शन की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश के पेंशनर से लंबे समय से महंगाई राहत में वृद्धि को ना देखते हुए नाराज हैं। राज्य कर्मचारी केंद्र के राहत का लाभ सही समय पर वेतनमान लागू नहीं करने, देरी से लागू किए गए सातवें वेतनमान और छठे वेतनमान की एरियर्स की राशि का भुगतान नहीं करने सहित अन्य कई लंबित मांग सुनवाई की बात कह रहे हैं। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश के पेंशनर्स द्वारा मांग को पूरा करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक को पत्र लिखा जा चुका है। इससे पहले सीएम शिवराज को भी फैशन एसोसिएशन द्वारा पत्र लिखे गए हैं।
हालांकि अब तक इस पर कोई भी विचार नहीं किया गया है। वहीं Pensioners सरकार पर गंभीर आरोप है। उनका कहना है कि सरकार पर इस पर ध्यान नहीं दे रही है और उनके लिए असंवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है। एक तरफ जहां केंद्र के पेंशनर्स को 34% महंगाई राहत का लाभ मिल रहा है। वही मध्य प्रदेश के 475000 Pensioners को अभी केवल 17% महंगाई राहत उपलब्ध कराए जा रहे हैं। Pensioners को हर महीने मिलने वाली पेंशन में 1200-1400 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। जिसके बाद पेंशन वृद्धि न्यूनतम ₹10,050 और अधिकतम ₹1,10,000 तक देखने को मिल सकते हैं।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश को अभी 17% महंगाई राहत का लाभ दिया जा रहा है जबकि मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को केंद्र के समान 31% DA उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस मामले में वित्त विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि MP राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके बाद ही पेंशनर्स के महंगाई राहत में वृद्धि की जा सकती है। हालांकि इसके लिए विभाग द्वारा दो बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।